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बर्खास्त सिपाही सहित तीन गिरफ्तार

फोटो राज कौशिक की- ट्रक लूट व हत्या मामले में हुई गिरफ्तारी- मामले में कुल सात गिरफ्तारसंवाददाता,रांची दिल्ली से कोलकाता जा रहे ट्रक( डब्ल्यूबी-03सी-5609) को बाराचट्टी के पास लूटने और चालक योगेश्वर यादव उर्फ नटवर लाल की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों में सीतामढ़ी से बरखास्त […]

फोटो राज कौशिक की- ट्रक लूट व हत्या मामले में हुई गिरफ्तारी- मामले में कुल सात गिरफ्तारसंवाददाता,रांची दिल्ली से कोलकाता जा रहे ट्रक( डब्ल्यूबी-03सी-5609) को बाराचट्टी के पास लूटने और चालक योगेश्वर यादव उर्फ नटवर लाल की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों में सीतामढ़ी से बरखास्त सिपाही मृत्युंजय कुमार पंकज, सरोज सिंह व संतोष कुमार शामिल हैं. सभी ट्रक लूट के बाद हार्डवेयर व परचून के सामान रांची में खपाने पहुंचे थे. यहां तीनों अपर बाजार स्थित एक लॉज में रह रहे थे. अपराधियों ने कमड़े के एक गोदाम में चोरी का सामान रखा था. न्यू मार्केट व पंडरा में माल बेचने के प्रयास के दौरान पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया. अपराधियों की निशानदेही पर लूट के 13 टन सामान व एक ट्रक बरामद हुए थे. सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने मीडिया के अनुसार अपराधियों की गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर हुई. कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ठ, सुखदेवनगर थानेदार रणधीर कुमार,लालपुर थानेदार शैलेश कुमार,सदर थानेदार रंजीत सिन्हा ने न्यू मार्केट के समीप से तीनों को गिरफ्तार किया. अपराधियों के अनुसार कोकर निवासी राजू भगत लूट के माल को खपाने में उनकी मदद करता था, जो अभी फरार है. उसकी कोकर में चाउमिन दुकान है. वह आइ कार्ड बनाने का भी काम करता है. मास्टर माइंड सहित सात अपराधी की हुई है गिरफ्तारीइस मामले में अब तक कुल सात अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. कांड का मास्टर माइंड शंकर दास व दिनेश पासवान पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके हैं. वहीं बोकारो के सेक्टर तीन निवासी पंकज व अरविंद को छह अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था. अपराधियों ने बताया कि उन लोगों ने चास में ट्रक का नंबर (जेएच-10पी-3621) बदल कर दो लाख रुपये में बेचा था. जेल जाने के बाद सिपाही बना अपराधीऔरंगाबाद निवासी सिपाही मृत्युंजय कुमार पंकज जमीन विवाद में 2007 में जेल गया था. जेल में उसकी पहचान अपराधियों से हुई. बाद में वह अपराधियों से मिल गया. बाद में वह टंडवा के दवा व्यवसायी मुस्तफा गुलशन के अपहरण में शामिल हुआ. इस मामले में भी वह जेल जा चुका है. इसी मामले में उसे 2009 में पुलिस से बरखास्त कर दिया गया था. उसने बताया कि वह गया में तत्कालीन एसपी एमवी राव व एक न्यायिक दंडाधिकारी का बॉडीगार्ड भी रह चुका है.1999 में वह सिपाही में बहाल हुआ था.

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