नयी दिल्ली. डीजल के दाम में आनेवाले दिनों में 3.56 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने से डीजल पर कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है. ईंधन में सबसे ज्यादा खपत डीजल की होती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गया है. अक्तूबर के पहले पखवाड़े में डीजल पर तेल कंपनियों को 1.90 रुपये लीटर का फायदा हो रहा था. अब वह और बढ़ कर 3.56 रुपये लीटर हो गया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है.सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को डीजल की बिक्री पर पहली बार सितंबर के दूसरे पखवाड़े में 35 पैसे का लाभ हुआ. अक्तूबर के पहले पखवाड़े में यह बढ़ कर 1.90 रुपये और अब 3.56 रुपये प्रति लीटर हो गया. तेल कंपनियों को डीजल की बिक्री पर फायदा होने की स्थिति में इसके दाम कम होने चाहिए, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से दाम नहीं घटाये जा सके. इन दोनों राज्यों के विधानसभा के लिए मतदान हो चुका है और रविवार को परिणाम घोषित होंगे. उसके बाद ही चुनाव आचार संहिता हटेगी.सूत्रों के अनुसार, एक ऐसी उपभोक्ता वस्तु जिसके मूल्य पर सरकार का नियंत्रण है, उसके दाम में कटौती को मतदाताओं को लुभाने के तौर पर देखा जायेगा. इसलिए चुनाव आयोग ने दाम घटाने की अनुमति नहीं दी. पेट्रोल सरकारी नियंत्रण से मुक्त है. इसमें तेल कंपनियों को दाम घटाने अथवा बढ़ाने की आजादी है. यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने पर करीब आधा दर्जन बार कंपनियों ने पेट्रोल के दाम घटाये हैं. लंदन बाजार में मानक कच्चा तेल 1.06 डॉलर यानी 1.3 प्रतिशत घट कर 82.72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. नवंबर 2010 के बाद यह सबसे कम दाम है.
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डीजल के दाम में 3.56 रुपये लीटर कटौती जल्द
नयी दिल्ली. डीजल के दाम में आनेवाले दिनों में 3.56 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने से डीजल पर कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है. ईंधन में सबसे ज्यादा खपत डीजल की होती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम चार साल के निम्न […]
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