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लापरवाही से एक्सपायर हा ेगयी थी 25 लाख से अधिक की दवाइयां

एनजीओ के पदाधिकारियों ने बरती थी लापरवाही रांची: 34 वें नेशनल गेम के आयोजन के दौरान जिन दवाओं की खरीद हुई थी, उसमें करीब 25,23,527 रुपये की दवाएं एनजीओसी के सदस्यों की लापरवाही की वजह से बरबाद (एक्सपायर) हो गयी थी. एनजीओसी के पदाधिकारियों की लापरवाही से सरकार को 25,23,527 रुपये का नुकसान हुआ था. […]

एनजीओ के पदाधिकारियों ने बरती थी लापरवाही रांची: 34 वें नेशनल गेम के आयोजन के दौरान जिन दवाओं की खरीद हुई थी, उसमें करीब 25,23,527 रुपये की दवाएं एनजीओसी के सदस्यों की लापरवाही की वजह से बरबाद (एक्सपायर) हो गयी थी. एनजीओसी के पदाधिकारियों की लापरवाही से सरकार को 25,23,527 रुपये का नुकसान हुआ था. निगरानी ने जांच के दौरान पाया है कि एनजीआसी को दवा की आपूर्ति करने के लिए दो कंपनियों से टेंडर डाला था. निविदा समिति की ओर से पटना की सावित्री फार्म कंपनी को 33,67,133 रुपये की दवा आपूर्ति की अनुशंसा की गयी थी. सावित्री फॉर्म ने 10 प्रतिशत की दर से जमानत राशि के रूप में 3,36,700 रुपये जमा भी की थी. कार्यादेश के लिए इकरारनामा भी हुआ था. इसके बाद कंपनी ने एनजीओसी को सात जनवरी, 2009 और चार फरवरी 2009 को कुल 29,54,568 रुपये की दवा उपलब्ध करायी थी. बिल में आपूर्ति की गयी दवाओं की मात्रा, दर और एक्सपायर डेट दर्ज था. समय से पहले मंगवा ली दवाइयां, खेल शुरू होने से पहले एक्सपायरदवा परीक्षण में पाया गया कि 2,49,325 रुपये की दवाइयां 31 मार्च 2010 से पहले एक्सपायर हो चुकी थी, जिसे सावित्री फॉर्म ने वापस कर लिया था. शेष 27,25,243 रुपये की दवा बची हुई थी. एनजीओसी की लापरवाही की वजह से नेशनल गेम के लिए समय पर आधारभूत संरचना तैयार नहीं होने की वजह से खेल की तिथि बार-बार बढ़ानी पड़ी. इसी क्रम में दवाइयां राष्ट्रीय खेल की शुरुआत होने की तिथि से पहले एक्सपायर हो गयी. सिर्फ 2,08,800 रुपये की दवाइयां ही बची थी. इस तरह एनजीओसी के पदाधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार को 25,23,527 रुपये का नुकसान हुआ.

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