मामला पूर्व मंत्री योगेंद्र साव द्वारा उग्रवादी संगठन बनाने कावरीय संवाददाता, रांचीपूर्व मंत्री योगेंद्र साव द्वारा उग्रवादी संगठन बनाने के मामले में सीआइडी के अधिकारी हथियार का पता लगा रहे हैं. सीआइडी उस हथियार के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है, जो पूर्व मंत्री ने राजकुमार गुप्ता को दिये थे. राजकुमार गुप्ता झारखंड टाइगर ग्रुप का सरगना है. पुलिस को दिये स्वीकारोक्ति बयान में उसने कहा था कि संगठन को खड़ा करने के लिए यागेंद्र साव ने हथियार दिये थे. हथियारों में एके-47 भी शामिल था. अगर योगेंद्र साव ने राजकुमार गुप्ता को हथियार दिये थे, तो वह कहां से और किसके जरिये मंगाये गये थे. इसका खुलासा हथियार की बरामदगी के बाद ही संभव है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में राजकुमार गुप्ता समेत झारखंड टाइगर ग्रुप के पांच उग्रवादियों को हजारीबाग की गिद्दी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मामले में तत्कालीन मंत्री योगेंद्र साव का नाम सामने आने के बाद सरकार ने इस प्रकरण की सीआइडी जांच का आदेश दिया था. सीआइडी ने जांच शुरू करने के 12 दिन बाद चार सितंबर को पूर्व मंत्री को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद से योगेंद्र साव जेल में बंद हैं. राजकुमार गुप्ता ने पुलिस को जानकारी दी है कि जब उसने मंत्री के कहने पर टंडवा के उप प्रमुख व ट्रांसपोर्टर बबलू मुंडा की हत्या नहीं की, तब योगेंद्र साव ने कटकमसांडी के एक व्यक्ति द्वारा संगठन के हथियार गायब कर दिये थे. पुलिस कटकमसांडी थाना क्षेत्र निवासी उस व्यक्ति की तालाश कर रही है.
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झारखंड टाइगर ग्रुप के हथियार का पता लगा रही है सीआइडी
मामला पूर्व मंत्री योगेंद्र साव द्वारा उग्रवादी संगठन बनाने कावरीय संवाददाता, रांचीपूर्व मंत्री योगेंद्र साव द्वारा उग्रवादी संगठन बनाने के मामले में सीआइडी के अधिकारी हथियार का पता लगा रहे हैं. सीआइडी उस हथियार के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है, जो पूर्व मंत्री ने राजकुमार गुप्ता को दिये थे. राजकुमार गुप्ता झारखंड टाइगर […]
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