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बिसरा जांच के बाद ही आरोप पत्र दाखिल करें

डीजीपी को हाइकोर्ट का निर्देशआरोपी सुरेश पंडित व धनसरिया देवी को जमानतमामला देवघर के सारठ में हुई मोनिका दहेज हत्याकांड कारांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत में मंगलवार को दहेज हत्या मामले के आरोपियों की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए अनुसंधान के दौरान लापरवाही […]

डीजीपी को हाइकोर्ट का निर्देशआरोपी सुरेश पंडित व धनसरिया देवी को जमानतमामला देवघर के सारठ में हुई मोनिका दहेज हत्याकांड कारांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत में मंगलवार को दहेज हत्या मामले के आरोपियों की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए अनुसंधान के दौरान लापरवाही बरतने पर कड़ी नाराजगी जतायी गयी. डीजीपी को पुलिस पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया. कोर्ट ने कहा कि हत्या जैसे मामलों में बिसरा जांच होने के बाद ही आरोप पत्र दाखिल किया जाये. बिना जांच रिपोर्ट प्राप्त किये आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जाना चाहिए. सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों (आरोपी) को जमानत प्रदान कर दी. सुनवाई के दौरान अदालत में रांची के एसएसपी (देवघर के तत्कालीन एसपी) प्रभात कुमार व चतरा के एसडीपीओ (देवघर के तत्कालीन एसडीपीओ) जगदीश राम ने सशरीर उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दाखिल किया. स्पष्टीकरण को देखते हुए अदालत नेे अधिकारियों को फटकार लगायी.क्या था मामलादहेज को लेकर 21 मई 2013 को सुरेश पंडित की पत्नी मोनिका देवी की हत्या कर दी गयी थी. पोस्टमार्टम के बाद बिसरा सुरक्षित रख लिया गया था, लेकिन उसे लेबोरेटरी में जांच के लिए नहीं भेजा गया. पुलिस ने बिना जांच रिपोर्ट प्राप्त किये ही अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया. उस वक्त देवघर एसपी के पद पर प्रभात कुमार (वर्तमान में रांची के एसएसपी) व एसडीपीओ जगदीश राम (वर्तमान में चतरा में) पदस्थापित थे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी धनसरिया देवी (सास) व सुरेश पंडित (पति) ने जमानत याचिका दायर की है.

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