रांची: हाइकोर्ट में गुरुवार को आवास बोर्ड की अधिग्रहित जमीन के बीच में 10 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद राज्य सरकार को जमीन अधिग्रहण से संबंधित अवार्ड की मूल प्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि तीन या 13 डिसमिल जमीन अधिग्रहित की गयी.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि पूर्व आइपीएस अधिकारी कुमुद चौधरी ने अधिग्रहित जमीन के बीच में 10 डिसमिल जमीन को रैयती दिखा कर अपने नाम से रजिस्ट्री करायी है. यह जमीन भी पूर्व में सरकार ने आवास बोर्ड के लिए अधिग्रहित की थी.
बोर्ड व प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से 10 डिसमिल जमीन को रैयती बनाया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुनील उरांव ने जनहित याचिका दायर कर मामले की जांच कराने का आग्रह किया है.