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आजसू का यूथ कॉनक्लेव, जारी किया विजन डॉक्यूमेंट, बोले सुदेश

हेडिंग :: मुंबई, गुजरात नहीं बनना, हमारे पीछे देश चले ऐसा झारखंड बनायेंगेसस्ता मजदूर वाला प्रदेश नहीं, झारखंड को कौशलवाला राज्य बनायेंगेझारखंड का भविष्य, नौजवानों के भविष्य से जुड़ा हैब्यूरो प्रमुख, रांची आजसू पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि झारखंड अपनी परंपराओं-संस्कृति के अनुरूप विकास का मापदंड तय […]

हेडिंग :: मुंबई, गुजरात नहीं बनना, हमारे पीछे देश चले ऐसा झारखंड बनायेंगेसस्ता मजदूर वाला प्रदेश नहीं, झारखंड को कौशलवाला राज्य बनायेंगेझारखंड का भविष्य, नौजवानों के भविष्य से जुड़ा हैब्यूरो प्रमुख, रांची आजसू पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि झारखंड अपनी परंपराओं-संस्कृति के अनुरूप विकास का मापदंड तय करेगा. युवाओं में कौशल विकास के सहारे झारखंड को सशक्त और समृद्ध बनायेंगे. हमें मुंबई, गुजरात नहीं बनना है. हम इसको दूसरों का फ्लोर नहीं बनने देंगे. हमारे पीछे देश चले ऐसा झारखंड बनायेंगे. देश में हमारी पहचान सस्ता मजदूर देने वाले राज्य के रूप में हैं. हमें यह पहचान बदलनी है. हमें इसे कौशलवाला राज्य बनाना है. श्री महतो रविवार को राजधानी में आजसू पार्टी द्वारा आयोजित यूथ कॉनक्लेव को संबोधित कर रहे थे. मौके पर पार्टी द्वारा युवाओं के विकास और उनकी क्षमता को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट जारी किया गया. श्री महतो ने कहा कि वह पॉजीटिव राजनीतिक परंपरा पर विश्वास करते हैं. आज झारखंड में 60 प्रतिशत नौजवाना हैं. झारखंड का भविष्य, नौजवानों के भविष्य से जुड़ा है. झारखंड गढ़ने के लिए यूथ आगे आयें. आजसू अध्यक्ष ने कहा कि युवा राज्य से पलायन करते हैं. अच्छे शिक्षण संस्थाओं में दाखिले के लिए दूसरे राज्यों में अपने बच्चों को भेजनेवाले मां-बाप की आंखों में आंसू होता है. असुरक्षा की भावना होती है. हमें उन मां-बाप के आंसू पोछने हैं. बच्चे अपने घर-आंगन में पढ़ें, ऐसी व्यवस्था और बुनियादी सुविधाएं देनी हैं. श्री महतो ने कहा कि इस राज्य में 34 लाख परिवार बीपीएल हैं. ऐसे परिवार ने भी सपने देखें हैं, उसको पूरा करना है. मजदूर न्यूनतम मजदूरी के लिए गिड़गिड़ता है. हमें मजदूर को मिस्त्री बना कर कौशल विकास करना है. हमारे युवा उद्यमी बनें. नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें. सरकार युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा के लोन की गारंटी ले. राज्य लघु और सूक्ष्म उद्योग से भारत में अपनी जगह बना सकता है. करमा-सरहुल को हम देश का कार्निवाल बना सकते हैं. दुनिया में अपनी संस्कृति पहुंचानी है. श्री महतो ने कहा कि युवा एकजुट हो जायें. सब मिल कर सबल झारखंड बनायें. मौके पर आइआइएम, रांची के पूर्व निदेशक एमजे जेवियर, अर्थशास्त्री डॉ रमेश शरण, पूर्व कुलपति डॉ एसपी सिंह, शीन अख्तर, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हेमलता एस मोहन, संजय बसु मल्लिक, डॉ देवशरण भगत ने अपने विचार रखे. यूथ कॉनक्लेव में बीआइटी मेसरा, एक्सआइएसएस, सीआइटी सहित कई संस्थानों के छात्र पहुंचे थे. विभिन्न संस्थानों के छात्रों ने विजन डॉक्यूमेंट के लिए अपने-अपने सलाह भी दिये. इस अवसर पर पार्टी विधायक उमाकांत रजक, नवीन जायसवाल, प्रभाकर तिर्की, बीके चांद, हसन अंसारी, यूसी मेहता, रंजीत सिंह, बनमाली मंडल, संदीप वर्मा सहित कई लोग मौजूद थे. किसने क्या कहा :गैर बराबरी की शिक्षा व्यवस्था खत्म करनी होगी : डॉ शरणअर्थशास्त्री डॉ रमेश शरण ने कहा कि देश में गैर बराबरी की शिक्षा व्यवस्था खत्म करनी होगी. शिक्षा पर सबका हक है. हर बच्चे को समान शिक्षा मिले. विकास के नये पैमाने को गढ़ने की जरूरत है. आज हम माइंड लेस ग्रोथ में लगे हैं. मुनाफे वाली संस्कृति है. इसे बदलना होगा. झारखंड ऐसी संस्कृति को स्वीकार नहीं करता है. यह संघर्ष की धरती है. अब संघर्ष के साथ सृजन का समय है. डॉ रमेश ने कहा कि पूरी शिक्षा व्यवस्था में मानवीय विकास का मापदंड होना चाहिए. शिक्षा सम्मान पैदा करने वाली हो. आज के दौर में संघर्ष बढ़ रहे हैं. यूथ धर्म, जाति, बाहरी-भीतरी के नाम से बंटा है. यूथ अपने लिये ना जीयें, दूसरों के लिए काम करे. समाज बदलने का ध्येय रखे. राज्य को निर्णय लेने वाला नेतृत्व चाहिए : जेवियरआइआइएम, रांची के पूर्व निदेशक व शिक्षाविद एमजे जेवियर ने कहा कि राज्य को निर्णय लेने वाला नेतृत्व चाहिए. यूथ परिस्थितियां बदल सकते हैं. आज के हालात को बदलना है, तो युवाओं को आगे आना होगा. झारखंड में बहुत प्लॉन बने. अब इच्छा शक्ति की जरूरत है. क्रांति की जरूरत है. झारखंड के लिए जो लोग काम करना चाहते हैं, उनको आगे लाना होगा. श्री जेवियर ने कहा कि युवा बदलाव के वाहक बनें. झारखंड में मेधावी छात्र हैं, लेकिन प्रतिभाओं का पलायन हो रहा है. बाहर के संस्थान में ज्यादातर यहां से छात्र जाते हैं. शिक्षा का बेहतर वातावरण बनाना होगा.शिक्षा हमारा अधिकार हैं, इसे छीनना होगा : शीन अख्तरदेश-समाज को बदल सकते हैं युवा, आगे आयें : डॉ एपी सिंह——————कॉनक्लेव में जो सुझाव आयेबेसिक ऐजुकेशन को पूरा किया जाये. शिक्षा की जरूरत समाज में पूरा हो. उच्च शिक्षा के विकास के लिए पूरी प्लॉनिंग बने.- आशिष अंकुर, एक्सआइएसएससिल्ली की तरह पूरे झारखंड में साक्षरता अभियान चले. पूरे झारखंड में सर्वशिक्षा अभियान चले. उच्च शिक्षा में केवल सीट ना बढ़े, आधारभूत सुविधा भी बढ़ाया जाये. -सत्यम तिवारी, बीआइटी मेसराकौशल विकास पर जोर हो. शिक्षा को रोजगार परक बनाया जाये.-दीक्षा परासर, बीआइटी मेसरानीति-कानून बहुत बना है. अब नियत बनाने की जरूरत है. इरादा पक्का करने की जरूरत है, तभी बदलाव होगा.-परमजीत सिंह, स्वयंसेवी संस्था से जुड़ेझारखंड के युवा काफी मेहनती हैं. प्रतियोगिता परीक्षा के लायक शिक्षा व्यवस्था हो. जरूरत के हिसाब से शिक्षा व्यवस्था बहाल की जाये. – संतवंत बग्धा, चिकित्सा संस्थान सेविभिन्न विश्वविद्यालय में आजसू क्लब बनायें. शिक्षा के विकास के लिए प्रयास हो. प्लॉन के साथ-साथ उपलब्धियों की भी चर्चा हो. -प्रकाश तिर्की, बीआइटी मेसरा

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