रांची : निगरानी के अफसरों की लापरवाही से 10 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गुमला के बसिया ब्लॉक से गिरफ्तार कनीय अभियंता हरि नंदन रजक को जमानत मिल गयी. इधर, आरोपी को जमानत मिलने के बाद निगरानी के एडीजी नीरज सिन्हा के निर्देश पर जांच शुरू हो गयी है.
जांच इस बात की हो रही है कि आखिर किस अफसर की लापरवाही से अभियंता को महज 20 दिनों में जमानत मिल गयी. ज्ञात हो कि कनीय अभियंता के खिलाफ बसिया ब्लॉक के जनसेवक धनंजय प्रसाद ने लिखित शिकायत की थी. अभियंता पर एक काम के लिए 10 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप था. जांच के बाद निगरानी की टीम ने गत दो सितंबर को अभियंता को 10 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारी बाद निगरानी की टीम ने अभियंता का हाथ खुलवाया, तब हाथ का रंग लाल हो गया था, लेकिन निगरानी को रिश्वत की राशि अभियंता के पास से नहीं मिली. सिर्फ हाथ का रंग लाल होने के आरोप में अभियंता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. बाद में न्यायालय में निगरानी के अफसर अभियंता के खिलाफ ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके. इस वजह से अभियंता को जमानत मिल गयी.