रांची: रांची विवि के वित्त पदाधिकारी डॉ एसके प्रसाद एक करोड़ 31 लाख 98 हजार रुपये का गबन कर पिछले चार साल से फरार हैं. कोतवाली पुलिस एक जून 2010 से डॉ प्रसाद की तलाश कर रही है. लेकिन अभी तक उन्हें पकड़ा नहीं जा सका है.
तत्कालीन कुलपति प्रो एए खान व तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ ज्योति कुमार ने गबन की जानकारी मिलने व राजभवन के निर्देश पर डॉ प्रसाद के विरुद्ध कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उन पर भादवि की धारा 406, 420, 467, 468 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कराया गया था.
साथ ही विभिन्न बैंकों में डॉ प्रसाद के खाते को सील भी कर दिया गया. इस मामले में बैंक द्वारा डॉ प्रसाद के मकानों की नीलामी की प्रक्रिया भी आरंभ की गयी. मानव संसाधन विकास विभाग ने इस मामले में सक्षम एजेंसी से जांच कराने की बात भी कही थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. तत्कालीन राज्यपाल ने डॉ प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए डीजीपी व एसपी को निर्देश भी दिये थे. इसके बावजूद डॉ प्रसाद को पुलिस नहीं पकड़ पायी. इस मामले में एक पुलिस अधिकारी को निलंबित भी किया गया था. इस बीच डॉ प्रसाद के परिवार द्वारा कुछ राशि विवि के खाते में जमा भी करायी गयी थी.
कोतवाली थाना में एसके प्रसाद पर विवि द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने सारी कार्रवाई पूरी कर ली है. उनके घर की कुर्की जब्ती के साथ फ्लैट भी जब्त कर बैंक के सुपुर्द कर दिया गया है. उनके पूरे परिवार का मोबाइल नंबर सर्विलांस में डाला गया है. चार वर्षो से उनके साथ उनके परिवार का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. यहीं कारण है कि उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है.
अरविंद सिन्हा, कोतवाली इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी