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चुनाव के नाम पर हो रहे पशु चिकित्सकों के तबादले

रांची: पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सकों व कंपाउंडरों को चुनावी कार्य में नहीं लगाना है. इससे संबंधित आदेश चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश में है. भारत सरकार के निर्वाचन आयोग से सीइओ को जारी चेक लिस्ट के कंडिका पांच (दो) में इसका स्पष्ट उल्लेख है. इसमें जिक्र किया गया है कि भारतीय वन सेवा के वरीय […]

रांची: पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सकों व कंपाउंडरों को चुनावी कार्य में नहीं लगाना है. इससे संबंधित आदेश चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश में है.

भारत सरकार के निर्वाचन आयोग से सीइओ को जारी चेक लिस्ट के कंडिका पांच (दो) में इसका स्पष्ट उल्लेख है. इसमें जिक्र किया गया है कि भारतीय वन सेवा के वरीय पदाधिकारियों, वेटनरी डॉक्टर, कंपाउंडर, पशु प्रसार पदाधिकारी, मेडिकल प्रैक्टिसनर, वाइल्ड लाइफ के टेटेरोरियल स्टॉफ, सेंचुरी में काम करनेवाले, ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के स्टॉफ को चुनावी कार्य में नहीं लगाना है. इसके बावजूद पशुपालन विभाग तबादला कर रहा है और इसके लिए चुनाव आयोग के निर्देश का हवाला दिया जा रहा है. विभाग ने 26 सितंबर 2014 को गृह जिला को आधार बना कर एक तबादला सूची जारी की है.

इसमें 16 पशु चिकित्सकों का तबादला किया गया है. एक और सूची तैयार की गयी है, जो गृह जिला में पदस्थापित अधिकारियों की है. इसकी स्थापना की बैठक भी विभाग ने करा ली है. विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद सूची जारी कर दी जायेगी.

पदाधिकारियों के मामले में अलग नियम

राज्य के पूर्व पशुपालन विभाग के सचिव पीके जाजोरिया ने 2001 में एक संकल्प जारी किया था. इसमें स्पष्ट किया गया था कि शोध, शिक्षण व राजधानी में पदस्थापित अधिकारियों के मामले में गृह जिले का मामला नहीं बनेगा.

लोकसभा चुनाव में नहीं लगी थी ड्यूटी

पशुपालन विभाग के चिकित्सकों से लोकसभा चुनाव में ड्यूटी नहीं ली गयी थी. तब विभाग ने इसी पत्र का हवाला देकर अधिकारियों को चुनावी कार्य में नहीं लगाया था.

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