रांची : श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री केएन त्रिपाठी ने राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) का संचालन निजी क्षेत्र को दिये जाने के समझौते की जांच कराने का फैसला लिया है. विभागीय मंत्री ने कहा है कि राज्य के 30 से अधिक आइटीआइ को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चलाने के क्रम में अनियमितता बरती गयी है.
उन्होंने कहा है कि पूर्ववर्ती मंत्रियों के कार्यकाल में इन आइटीआइ को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया था. इसमें से सभी संस्थानों का भवन राज्य सरकार ने तैयार कराया है. प्रत्येक आइटीआइ में तीन सौ स्टूडेंट्स के इनटेक की कैपेसिटी भी है. उन्होंने कहा है कि गड़बड़झाले में कई नियम तोड़े गये हैं. जानकारी के अनुसार सरकार पीपीपी मोड में चलाने के लिए आइटीआइ के ऑपरेटरों को प्रीमियम राशि का भुगतान करती है, वहीं दूसरे नियम के अनुसार सरकार की ओर से 37 लाख रुपये भी चयनित कंपनियों को दिये जाते हैं. उन्होंने कहा है कि विभाग के अधिकारियों से पूरे प्रकरण पर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट आने पर दोषी प्रशिक्षण निदेशालय से अधिकारियों, कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी. उन्होंने कहा है कि राज्य भर में नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीभीटी) के निर्देशों पर चलाया जाये.