रांची: सेंट्रल जेल होटवार के कैदियों ने अत्याधुनिक मशीनों से बाजार से आधी कीमत पर उम्दा सिल्क उत्पादन शुरू किया है. इससे सरकार के राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गयी है.
जेल सूत्रों के अनुसार वर्तमान में सिल्क उत्पादन और ऑफ सेट प्रिंटिंग से जेल में हर वर्ष 15 लाख रुपये राजस्व की आमदनी हो रही है. जेल में पहले भी सिल्क का उत्पादन होता था. लेकिन प्रोसेसिंग और फिनिशिंग के लिए सिल्क को बाहर भेजना पड़ता था.
कैदियों ने अधीक्षक से मांग की प्रोसेसिंग और फिनिशिंग के लिए मशीन यहीं आ जाय तो तैयार सिल्क सीधे बाजार में भेजा जा सकता है. कैदियों की मांग के अनुरूप दिल्ली से 4.38 लाख रुपये की लागत से सिल्क कलेंडरिंग एंड प्रोसेसिंग मशीन मंगायी गयी.
उम्र कैद और 10 वर्ष की सजा पाये कैदी इस कार्य में लगे हैं. कुछ कैदियों को कारीगर बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसमें जेल अधीक्षक और जेलर की भूमिका महत्वपूर्ण है.