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आराधना में डूबा कायस्थ समाज

लाइफ रिपोर्टर @ रांची शारदीय नवरात्र में पूरी भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ कायस्थ समाज मां की आराधना करता है. नवरात्र तक सात्विक भोजन किया जाता है. नवरात्र में सादा भोजन पर आस्था रखते हैं. कई परिवार फलाहारी पर मां की आराधना करते हैं. कई लोग नौ दिनों तक प्रात:काल उठ कर स्नान ध्यान […]

लाइफ रिपोर्टर @ रांची शारदीय नवरात्र में पूरी भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ कायस्थ समाज मां की आराधना करता है. नवरात्र तक सात्विक भोजन किया जाता है. नवरात्र में सादा भोजन पर आस्था रखते हैं. कई परिवार फलाहारी पर मां की आराधना करते हैं. कई लोग नौ दिनों तक प्रात:काल उठ कर स्नान ध्यान कर मां की आराधना करते हैं और फिर अपने दफ्तर के लिए निकल जाते हैं. दफ्तर से लौटने के बाद कोशिश होती है कि शाम में घर की आरती में शामिल हों. विजयादशमी के दिन नये वस्त्र पहन कर सभी बड़ों का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते हैं. पूरे परिवार के लोग एक साथ पर्व का आनंद लेते हैं. डॉ रश्मि का परिवारमैट्रिक से ही मां की आराधना करते आ रही हंू डॉ रश्मि कहती हैं कि वह 1976 में मैट्रिक कंप्लीट की. उसी समय से नवरात्र कर रही हैं. इस दौरान वह प्रात: काल पांच बजे उठ कर स्नान ध्यान कर मां की आराधना करती हैं. घर में कलश स्थापित कर नौ दिन मां दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण पाठ करती हैं. नौ दिनों तक सात्विक भोजन करती हैं और दशहरे के दिन नया वस्त्र पहनती हैं. उनके घर में पति शशि भूषण प्रसाद (मेकन से इडी के पद से सेवानिवृत्त), बेटी अदिति प्रसाद और ऐश्वर्या प्रसाद हैं. बड़ी बेटी अदिति गुड़गांव में रहती हैं. छोटी बेटी ऐश्वर्या प्रसाद अमेरिका के जॉन सापकिंग्स मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर रही हैं. दोनों बेटियां भी नवरात्र में सात्विक भोजन करते हुए मां की आराधना करती हैं. डॉ रश्मि बताती हैं कि दुर्गा पूजा में शहर के सभी प्रमुख पंडालों का दर्शन करेंगी. कपड़ों की खरीदारी की जा रही है………………………डॉ अनल सिन्हा परिवारपूजा सेलिब्रेट करने बेटा-बेटी आ रहे हैं घरमुकुंद लिमिटेड में कार्यरत डॉ अनल सिन्हा का परिवार अरगोड़ा बाईपास में रहता है. डॉ सिन्हा बताते हैं कि पूजा के दौरान कोई तनाव नहीं लेता. पूरे परिवार के सदस्य आस-पास के लोगों के साथ मिल कर पूजा का आनंद लेते हैं. नौ दिनों तक मां की आराधना की जाती है. वह सुबह जल्दी उठ कर आठ बजे तक पूजा कर निवृत्त हो जाते हैं. इसके बाद दफ्तर जाते हैं. घर में कलश स्थापित होता है. शाम में घर में संध्या आरती में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि पत्नी नम्रता सिन्हा भी पूरी आस्था के साथ मां की आराधना करती हैं. नव कन्या का भोजन आदि कराने में विशेष ध्यान रखती हैं. पूजा में शामिल होने के लिए भोपाल से मेडिकल की पढ़ाई कर रही बेटी तान्या और जयपुर में इंजीनियरिंग कर रहा बेटा उद्देश्य रांची आ रहे हैं. मेले की खरीदारी की जा रही है. ………………डॉ ओम प्रकाशपूरा परिवार के साथ पंडालों का करेंगे भ्रमणदंत चिकित्सक सह मैग्लोफेशियल सर्जन डॉ ओम प्रकाश ने कहा कि चिकित्सीय सेवा के बीच मां की आराधना करता हूं. हर दिन मां का ध्यान कर बीज मंत्र, कील कवच, अर्गला, शापोद्धार, रहस्य सहित अन्य पाठ करता हूं. चिकित्सीय सेवा में शाम में वक्त अधिक नहीं मिल पाता है इस कारण शाम की आरती व पूजा में शरीक नहीं हो पाता. डॉ ओम प्रकाश बताते हैं कि नवमी व दशमी को पत्नी रानी, बच्चों सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पूजा पंडाल के भ्रमण की योजना है. पूरा परिवार मां का दर्शन करेगा. उन्होंने कहा कि हमेशा मां का ध्यान करता हूं. उनके परिवार में पांच वर्ष की बेटी तपस्या और दो साल का बेटा दिव्यांशु शामिल हैं. बच्चों के कपड़ों की खरीदारी हो चुकी है.

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