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अपोलो का एग्रीमेंट गलत
मेयर ने निगम के सीइओ के खिलाफ खोला मोरचा, कहा रांची : राजधानी में चेन्नई अपोलो अस्पताल खोलने की योजना पर एक बार फिर विवाद में पड़ गयी है. अस्पताल प्रबंधन के साथ रांची नगर निगम द्वारा किये गये एकरारनामे पर मेयर आशा लकड़ा ने सवाल खड़ा किया है और सीइओ के विरुद्ध मोरचा खोल […]
मेयर ने निगम के सीइओ के खिलाफ खोला मोरचा, कहा
रांची : राजधानी में चेन्नई अपोलो अस्पताल खोलने की योजना पर एक बार फिर विवाद में पड़ गयी है. अस्पताल प्रबंधन के साथ रांची नगर निगम द्वारा किये गये एकरारनामे पर मेयर आशा लकड़ा ने सवाल खड़ा किया है और सीइओ के विरुद्ध मोरचा खोल दिया है.
मेयर ने कहा कि सीइओ मनोज कुमार ने कानून एवं मेयर की गरिमा को ताक पर रख कर एकरारनामा पर हस्ताक्षर किया है. हस्ताक्षर से संबंधित जानकारी मेयर और डिप्टी मेयर को नहीं दी गयी और न ही स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया.
उन्होंने कहा है कि एकरारनामा में जनता के हितों का ख्याल नहीं रखा गया है. अगर इस एग्रीमेंट पर रोक नहीं लगी, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटायेंगी. मेयर ने कहा कि अस्पताल के एकरारनामा में इसका नक्शा नहीं है. बीपीएल परिवारों के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है. 200 बेड में पांच फीसदी बेड ही बीपीएल के लिए रखे गये हैं, जबकि यह कम से कम 15 फीसदी होना चाहिए. ओपीडी जांच नि:शुल्क है, लेकिन दवा और नर्सिग की कोई सुविधा नहीं दी जा रही.
अस्पताल में मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षदों को क्या सुविधा मिलेगी इसका जिक्र भी एग्रीमेंट में नहीं है. एकरारनामा के मुताबिक अस्पताल ऑपरेटर अपनी सुविधा के अनुसार रेट तय करेंगे. लेकिन ऑपरेटर कौन है, इसका पता नहीं. मेयर ने कहा कि नगर निगम के जमीन को गिरवी रख कर अपोलो द्वारा ऋण लेने का प्रावधान है. इसमें ऋण देने वाला का नाम ही नहीं है. एकरारनामा रद्द होने पर निगम को ऋण भार से मुक्त भवन जमीन वापस करने का प्रावधान होना चाहिए. साथ ही ऋण चुकाने की जिम्मेवारी अपोलो की होनी चाहिए.
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