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कई बड़े व्यवसायी रहे हैं अपराधियों के निशाने पर
अजय दयाल रांची : राजधानी रांची के कई बड़े व्यवसायी अपराधियों के निशाने पर रहे हैं. राजू धानुका, ज्ञानचंद जैन, सुशील केजरीवाल जैसे चर्चित व्यवसायियों की हत्या इस शहर की विधि व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. कई व्यवसायी की हत्या के मामले में तो पुलिस अपराधियों का सुराग तक नहीं लगा पायी. […]
अजय दयाल
रांची : राजधानी रांची के कई बड़े व्यवसायी अपराधियों के निशाने पर रहे हैं. राजू धानुका, ज्ञानचंद जैन, सुशील केजरीवाल जैसे चर्चित व्यवसायियों की हत्या इस शहर की विधि व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. कई व्यवसायी की हत्या के मामले में तो पुलिस अपराधियों का सुराग तक नहीं लगा पायी.
पुलिस ने कुछ मामले में अपराधियों को गिरफ्तार तो जरूर किया, लेकिन हत्या की असली वजह नहीं खोज पायी. इस कारण के साजिशकर्ता पुलिस की पकड़ से दूर ही रह गये.
व्यवसायी कमल कुमार धानुका उर्फ राजू धानुका की हत्या
व्यवसायी राजू धानुका की हत्या 14 मार्च 2009 को कचहरी रोड के पंचवटी प्लाजा स्थित उनकी ऑफिस के नीचे ही सीढ़ी पर कर दी गयी थी. इस हत्या के मामले में शूटर लखन सिंह सहित चार अपराधियों का नाम सामने आया था. इनमें दो अपराधी पकड़े गये थे, लेकिन दो अब तक फरार हैं. उनमें लखन सिंह भी शामिल है. लखन सिंह के चुटिया स्थित घर पर पुलिस ने छापेमारी भी की थी, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था. बाद में मामला सीआइडी को सौंपा गया था. यह मामला सीआइडी में लंबित है.
टाटीसिलवे में व्यवसायी सुशील केजरीवाल की हत्या
दो सितंबर-2012 को टाटीसिलवे से कार से रांची लौटने के क्रम में सुशील केजरीवाल की हत्या अपराधियों ने कर दी गयी थी. उस हत्याकांड में माओवादी तुलसी पाहन व उसके चार सहयोगियों का नाम सामने आया था. काफी दिनों के बाद तुलसी पाहन व उसके तीन सहयोगियों को टाटीसिलवे पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में अभी भी एक आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है. पुलिस की ओर से अनुसंधान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गयी. इस मामले में पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली.
कोकर के व्यवसायी ज्ञानचंद जैन की बेड़ो में हुई थी हत्या
कोकर निवासी व्यवसायी ज्ञानचंद जैन का 14 फरवरी 2013 को अपहरण कर लिया गया था. 21 फरवरी को बेड़ो से उनका शव मिला था. उनकी कोकर इंडस्ट्रीयल एरिया में वाटर प्यूरीफायर की कंपनी थी. रातू में भी उन्होंने फैक्टरी खोली थी. चालक से कुछ अनबन हुई थी. इसके बाद चालक ने ही उनकी हत्या की साजिश रची थी. इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें तीन आरोपी गिरफ्तार हुए थे. इस मामले में मुख्य आरोपी उनका चालक अब तक फरार है.
सबसे अधिक नक्सली घटनाएं झारखंड में हुई
रांची : राज्य में नक्सलवाद की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 31 अगस्त तक देश भर में 744 नक्सली घटनाएं हुई, जिसमें 226 लोग मारे गये. झारखंड में सबसे अधिक घटनाएं (249) हुई हैं. इन घटनाओं में 67 लोग मारे गये. नक्सली घटनाओं के मामले में छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर है. झारखंड बनने के बाद नक्सलवाद की स्थिति पर गौर करें, तो अब तक करीब 5200 से अधिक नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं. इनमें 1500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
इन घटनाओं में करीब 450 पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. आंकड़ों से स्पष्ट है कि अब तक नक्सल के मामले में राज्य में सुधार नहीं हो सका है. राज्य के 430 थाना क्षेत्रों में से 67 थाना क्षेत्र में आज भी नक्सलियों की मरजी चलती है. आम जनता उनकी ही मरजी से जीते हैं. विकास से जुड़ी योजनाओं में नक्सली लेवी वसूलते हैं. लातेहार, चतरा, पलामू, गुमला, सिमडेगा, गढ़वा खूंटी, लोहरदगा और खूंटी और गिरिडीह पूरी तरह से नक्सलियों से प्रभावित है.
इन जिलों में रात में वाहनों का आवागमन तक ठप हो जाता है. साथ ही रांची, कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला, दुमका और पाकुड़ के ग्रामीण इलाके आज भी नक्सलियों के प्रभाव में है.
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