रांची : धनबाद के बीआइटी सिंदरी संस्थान में स्थानीय लोगों को निम्नवर्गीय अस्थायी नियुक्ति में स्थान नहीं दिये जाने के मामले में स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने नाराजगी जाहिर की. याचिका समिति की बैठक में सुनवाई के दौरान स्पीकर ने बीआइटी सिंदरी को फटकार लगायी. कहा क्या संस्थान झारखंड वासियों को अपने परिसर में झाड़ू देने योग्य भी नहीं समझता है.
इस मामले में स्पीकर ने विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव एल ख्यांगते को समिति बना कर पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान बीआइटी सिंदरी की ओर से डॉ आरएन गुप्ता ने समिति को जानकारी दी कि संस्थान में कार्यरत अस्थायी निम्नवर्गीय कर्मचारी का वेतन भुगतान न तो संस्थान करता और न ही सरकार. छात्रों के मद से लिये गये शुल्क से उनका भुगतान किया जाता है. समिति ने जांच में पाया कि यहां सभी निम्नवर्गीय कर्मचारी अन्य राज्यों से हैं.
* याचिका समिति में तीन मामलों का निष्पादन
स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने याचिका समिति की बैठक में सोमवार को छह मामलों पर सुनवाई हुई. इसमें से तीन मामलों का निष्पादन कर दिया गया. बैठक के दौरान कल्याण विभाग सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने बताया कि प्रीति चौधरी की अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा कार्मिक विभाग के पास भेज दी गयी है.
कल्याण दत्त साहू की ओर से दायर मामले में मानव संसाधन विभाग व रांची विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि वेतन विसंगति दूर कर ली गयी है. इसीएल और एसपी माइंस देवघर की ओर से विष्णु कुमार महतो और संध्या देवी को नौकरी देने की बात कही गयी. इसके अलावा धनबाद के केंद्रीय भंडारण में पिछले 25 वर्षों से कार्यरत पांच हजार अस्थायी कर्मियों के नियमितीकरण के मामले में भी सुनवाई हुई.
ऊर्जा निगम के एमडी ने स्पीकर को बताया कि जो भी केंद्रीय भंडारण में कार्यरत हैं, वे विद्युत बोर्ड के अधीन अनुबंधन पर कार्यरत नहीं है. ऐसी स्थिति में इनके समायोजन में कठिनाई हो रही है. नन बैंकिंग कंपनी बेसिल इंटरनेशनल द्वारा लाखों निवेशकों के पैसे हड़पने के संबंध ने स्पीकर ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी. वन विभाग द्वारा रातू रोड निवासी सुरेश कुमार साहू के जमीन अधिग्रहण के मामले में स्पीकर ने विभाग की प्रधान सचिव अलका तिवारी को पांच दिनों में जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया.