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घाटी में बाढ़, देश का सबसे बड़ा राहत अभियान

श्रीनगर की स्थिति भयावहपानी निकलने में लगेगा समयउमर अब्दुल्ला ने मांगे पंपिंग सेटडेढ़ लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाये गयेअब पूरा ध्यान राहत परअनिल एस साक्षी, श्रीनगरकश्मीर के बाढ़ग्रस्त इलाकों से गुरुवार को दसवें दिन पानी का लेवल कम होने लगा है, पर श्रीनगर में स्थिति अभी भी भयावह है. श्रीनगर की भौगोलिक स्थिति कटोरे […]

श्रीनगर की स्थिति भयावहपानी निकलने में लगेगा समयउमर अब्दुल्ला ने मांगे पंपिंग सेटडेढ़ लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाये गयेअब पूरा ध्यान राहत परअनिल एस साक्षी, श्रीनगरकश्मीर के बाढ़ग्रस्त इलाकों से गुरुवार को दसवें दिन पानी का लेवल कम होने लगा है, पर श्रीनगर में स्थिति अभी भी भयावह है. श्रीनगर की भौगोलिक स्थिति कटोरे की तरह होने से अभी भी कई इलाकों में पांच से 15 फुट पानी है जिसे निकालने के लिए पंपिंग सेटों की जरूरत है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अब राहत सामग्री भेज रहे लोगों से पंपिंग सेट भेजने की गुजारिश की है. साथ ही कहा, श्रीनगर से पानी निकालने में अभी कई दिन लगेंगे और इसे पुन: बसाने मंे कई साल लग जायेंगे. इस बीच श्रीनगर समेत कश्मीर वादी मंें राहत कार्य जारी रहा. डेढ़ लाख लोगों को सुरिक्षत स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. वायुसेना और सेना के लिए यह देश का सबसे बड़ा और सबसे लंबा चलनेवाला राहत अभियान बन गया है. इस अभियान में डेढ़ लाख से अधिक जवान जुटे हैं, तो 100 से अधिक विमान और हेलीकॉप्टर दिन-रात उड़ानें भर रहे हैं. इस कार्य में दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. पानी कम होने में लगेगा समयराहत और बचाव के काम में लगे अधिकारियों का कहना है कि श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी के कई इलाकों में पानी का लेवल कम होने में वक्त लगेगा. अधिकारियों का कहना है कि श्रीनगर के कई इलाकों में दो-तीन मंजिल इमारतें पानी में डूबे हैं. श्रीनगर के राजबाग, जवाहर नगर, गोगजी बाग, बेमिना, मेहजूर नगर, करन नगर और कमरवारी इलाके अब भी पानी में डूबे हुए हैं. कश्मीर के चारों ओर पहाड़ी होने से पानी ठहर सा गया है.कुछ इलाकों में पेयजलापूर्ति बहालबाढ़ से प्रभावित कश्मीर में 20 प्रतिशत जलापूर्ति बहाल हो गयी है और संचार लिंक को बहाल करने के लिए कोशिशें जारी हैं. बाढ़ से 50 पुलों और 170 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं. श्रीनगर के एसडीएम सैयद अबीद रशीद शाह ने कहा कि पहली प्राथमिकता असहाय लोगों को बचाना है. राहत के इंतजार में लाखों लोगकश्मीर में बाढ़ का पानी घट रहा है. बचाव टीमों ने गुरुवार को फंसे हुए 2000 और लोगों को निकाला. जलमग्न इलाके में बेसब्री से मदद का इंतजार कर रहे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचायी. सैन्य टीमों ने रात भर बचाव अभियान जारी रखा और श्रीनगर से 807 लोगों को निकाला. बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में पांच से छह लाख लोग अभी भी मदद के इंतजार में हैं. बारिश की चेतावनी नहींअधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 807 टन राहत सामग्री बाढ़ पीडि़तों को भेजी गयी है. इसके अलावा बाढ़ का पानी कम होने के बाद जलजनित बीमारियां फैलने से रोकने के संभावित उपायों पर जा रहा है. इस बीच, मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों में राज्य में भारी बारिश होने की कोई चेतावनी जारी नहीं की है. आसमान में हल्के बादल छाये रहेंगे और अगले दो-तीन दिनों में मामूली बारिश हो सकती है. बाढ़ में फंसे हुए कई लोगों द्वारा अपने घरों को छोड़ने से इनकार की बात बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि वे उन्हें भोजन और पानी मुहैया कराने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.

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