रांची: झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान करने के लिए गठित आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सरकार की ओर से असहयोगात्मक रवैया अपनाने और खुद को अपमानित महसूस करने की बात कह यह कदम उठाया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेजा और साथ ही इसके कई कारण बताये हैं.
इनमें आयोग के कर्मचारियों को फरवरी से वेतन नहीं मिलना, आंदोलनकारियों के संबंध में मिले दस्तावेज को सुरक्षित रखने के लिए अलमारी तक नहीं देना और कामकाज के लिए उन्हें सचिव नहीं देना प्रमुख हैं.
पत्रों का जवाब तक नहीं मिला
न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने इन समस्याओं के निबटारे और वेतन आदि के भुगतान के लिए सरकार को कई बार पत्र लिखा. पर कोई कदम नहीं उठाया गया. पत्रों का जवाब तक नहीं दिया गया.
इससे वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं. आयोग के काम और संसाधनों की तुलना करते हुए उन्होंने लिखा है कि आयोग को सूई से भूसा हटाने की जिम्मेवारी दी गयी है. इन परिस्थितियों में उनके लिए काम करना संभव नहीं है.