रांची: मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में बीआइटी मेसरा को दिये जानेवाले अनुदान की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में उन्होंने संस्थान के लंबित अनुदान मामले पर उच्च स्तरीय समिति गठित की. समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही बीआइटी को वर्ष 2011-12 और 2012-13 के लिए अनुदान की राशि दी जायेगी. बैठक में बताया गया कि झारखंड सरकार ने संस्थान के साथ वर्ष 2001 में समझौता किया था.
इसके तहत नामांकित होनेवाले बच्चों में से 50 प्रतिशत सीट झारखंड के छात्रों के लिए आरक्षित किया जाना था. समीक्षा के दौरान इस बात की चर्चा की गयी कि क्या वास्तविक रूप से झारखंड के बच्चों को आरक्षण का लाभ मिला है. उन्होंने विज्ञान प्रावैधिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव को संस्थान के लिए 2010-11 के लिए अनुदान की राशि देने का निर्देश दिया.
अगले वर्षो के लिए गठित समिति के निर्णय पर ही अनुदान की राशि देने का निर्णय लिया गया. समिति में वित्त सचिव, योजना सचिव, सूचना तकनीक और विज्ञान-प्रावैधिकी विभाग के सचिव को शामिल किया गया है. कमेटी यह जांच करेगी कि समझौते के सभी प्रावधानों का पालन किया गया है अथवा नहीं.
मुख्य सचिव ने यह भी सुझाव दिया कि अगले आदेश तक संस्थान के साथ हुए समझौते को स्थगित रखा जाये. समिति के आकलन के बाद ही एमओयू के विस्तार पर निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्य्यन करने के निर्देश भी दिये.
इससे यह पता चल पायेगा कि राज्य सरकार द्वारा तकनीकी संस्थानों को वित्तीय सहायता कैसे दी जाती है. उन्होंने झारखंड के छात्रों के पलायन का भी अध्य्यन करने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी कहा कि यह पता लगाया जाये कि दूसरे राज्यों के तकनीकी संस्थानों में झारखंड के छात्रों को क्या सुविधाएं दी जा रही हैं.