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सवाल जवाब (दिनेश जी के ध्यानार्थ)

अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों से सवाल-जवाब काशी कनोई : कृषि बाजार समिति के संबंध में आप दोनों की क्या राय है?रतन मोदी : कृषि बाजार समिति भंग होनी चाहिए, पर सचिवों के ट्रांसफर से मामला अटक गया है. अभी फाइल सीएम के टेबल पर है. इस सरकार के कार्यकाल खत्म होने तक समिति भंग हो […]

अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों से सवाल-जवाब काशी कनोई : कृषि बाजार समिति के संबंध में आप दोनों की क्या राय है?रतन मोदी : कृषि बाजार समिति भंग होनी चाहिए, पर सचिवों के ट्रांसफर से मामला अटक गया है. अभी फाइल सीएम के टेबल पर है. इस सरकार के कार्यकाल खत्म होने तक समिति भंग हो सकती है.पवन बजाज : कृषि बाजार समिति को भ्रष्टाचार की वजह से भंग करने का औचित्य नहीं है. हमने इस पर एक्सपर्ट की टीम लगायी है. देश में बाजार समिति का जो भी सबसे बेस्ट मॉडल होगा, उसे लागू करेंगे.अरुण केजरीवाल : छोटे व्यापारी को आयकर में कईसमस्याएं हैं. चेंबर में पूरे राज्य से व्यापारियों का प्रतिनिधित्व हो इस पर क्या करेंगे? पवन बजाज : चेंबर को ब्रांड के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं. चेंबर में सदस्यता शुल्क कम (दस रुपया) कर ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों को जोड़ेंगे. व्यवस्था को और दुरुस्त करेंगे.रतन मोदी : राज्य को पांच जोन में बांटा गया है. वहां से उपाध्यक्ष चुने जाते हैं, जिनका चुनाव स्थानीय सदस्य ही करते हैं. टीडीएस आदि के मामले में केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित करेंगे. अंजय सरावगी : रोज-रोज की बंदी से व्यापारी वर्ग त्रस्त हैं. इसे रोकने के लिए क्या करेंगे?रतन मोदी : पहले भी सभी राजनीतिक दलों से बैठक कर बंदी पर रोक लगाने की बात कही गयी थी. हम फिर से सभी राजनीतिक दलों से मिल कर उनसे बंदी पर रोक लगाने की बात कहेंगे. बंद समस्या का समाधान नहीं है.पवन बजाज : चेंबर ने भी हाल में बंदी का समर्थन किया था. हमें बंद के बिल्कुल खिलाफ होना चाहिए. हम भी किसी भी बंद में शामिल न हो. पीआइएल होने के बाद भी बंदी हो रही है, इस बारे में काम करना होगा. मनोज बजाज : चेंबर और राजनीति में समन्वय की बात उठ रही है. क्या चेंबर को किसी एक राजनीतिक दल का समर्थन करना चाहिए?रतन मोदी : चेंबर में सभी वर्ग के लोग हैं. सभी अलग-अलग राजनीतिक दल का समर्थन करते हैं. किसी खास राजनीतिक पार्टी को समर्थन के लिए सदस्यों को बाध्य नहीं किया जा सकता. हमलोग चाहते हैं कि सरकार के साथ समन्वय हो. पवन बजाज : यह गंठबंधन की सरकार या किसी एक पार्टी की सरकार का मामला नहीं है. अगर चेंबर शक्तिशाली होगी, तो लोग हमारी बात सुनेंगे. व्यापार हित में किसी एक पार्टी को समर्थन करना पड़े तो कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. संजीव पोद्दार : आरएमसी व अन्य संस्थाओं में अब चेंबर का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. इस पर क्या कहेंगे?रतन मोदी : नगर निगम व अन्य संस्थाओं में चेंबर का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. जिन कमेटियों में हमारा प्रतिनिधित्व नहीं है, वहां भी हमारा प्रतिनिधित्व हो इसका हम प्रयास करेंगे. .पवन बजाज : अभी विभिन्न संस्थाओं में चेंबर की स्थिति दयनीय है. चेंबर की एजीएम मीटिंग में भी कोरम पूरा नहीं होता. व्यापारियों में चेंबर के प्रति विश्वास पैदा करना होगा.विष्णु बुधिया : रांची के मास्टर प्लान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इस पर आप लोग क्या करेंगे?रतन मोदी : हमलोग चाहते हैं कि मास्टर प्लान लागू हो. इसके लिए कई बार प्रयास भी हुए हैं. पर जब कभी भी इस बैठक हुई, कोई न कोई अड़ंगा लग जाता है. यह बहुत कुछ सरकार की मंशा पर निर्भर करता है.पवन बजाज : हमलोग मास्टर प्लान के मुद्दे पर लगातार प्रयास कर रहे हैं. नयी सरकार के साथ प्रयास रहेगा कि मास्टर प्लान लागू हो. यह बहुत जरूरी है क्योंकि इसके बिना शहर का विकास नहीं हो सकता. प्रदीप जैन : चेंबर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए क्या प्रयास रहेगा?रतन मोदी : चेंबर के पास पैसे की कमी नहीं है. बैंक में एफडी है. इसके अलावा चार सभागार से प्रतिमाह किराये के एक लाख रुपये मिलते हैं. पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी. पवन बजाज : राज्य भर के व्यापारियों को न्यूनतम शुल्क के साथ चेंबर की सदस्यता दी जाये. इससे चेंबर के साथ बड़ी संख्या में व्यापारियों की ताकत होगी और पैसे भी आयेंगे. पत्राचार की जगह इमेल के इस्तेमाल से खर्च में कमी आ सकती है.सुरेश अग्रवाल : खाद्य सुरक्षा अधिनियम की विसंगति पर क्या कहेंगे?पवन बजाज : खाद्य सुरक्षा कानून काला कानून है. हमें इस पर लंबी लड़ाई के लिए तैयार होना चाहिए. व्यापारी खाद्य पदार्थों में मिलावट न करें. पर इस कानून के जरिये व्यापारियों का भयादोहन न हो.रतन मोदी : खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर कानून सरल हो. इस कानून की आड़ में अगर व्यापारियों को परेशान किया जाता है, तो चेंबर व्यापारियों का सहयोग करेगा. सत्येंद्र चोपड़ा : देश की जीडीपी में राज्य और चेंबर क्या योगदान दे सकता है?पवन बजाज : झारखंड में देश की जीडीपी बढ़ाने की भरपूर संभावना है. यह पर्यटन को उद्योग की तरह बढ़ावा मिले. रियल स्टेट में टैक्स की विसंगति दूर हो. निर्यात बेस्ट इंडस्ट्री हो. कृषि में सिंचाई की व्यवस्था करे. झारखंड एजुकेशन हब बने.रतन मोदी : खनिज पर आधारित उद्योग लगे. शिक्षा के लिए झारखंड के बच्चों को बाहर न जाना पड़े. चेंबर का प्रयास रहेगा कि यहां उद्योग व्यापार नयी ऊंचाई पर पहुंचे. आसपास के राज्यों की तुलना में कई वस्तुओं पर यहां टैक्स ज्यादा है. इसे ठीक करना होगा. आरके चौधरी : विभाग में वर्क कल्चर नहीं है. बजट एलोकेशन के सही तरीके से लागू होने के लिए क्या करेंगे? पवन बजाज : बजट के संबंध में प्रस्ताव हमलोग तब देते हैं, जब बजट पर बैठक हो चुकी होती है और पेपर छप जाते हैं. बजट बनने के छह महीने पहले इस पर प्रस्ताव आने चाहिए. रतन मोदी : हमारा प्रयास रहेगा कि पर्यटन पर ज्यादा से ज्यादा राशि खर्च हो. इससे रांची के दर्शनीय स्थलों को बनवाने का प्रयास किया जायेगा. इससे राज्य को भी फायदा होगा.सोनी मेहता : नक्सलवाद पर्यटन की सबसे बड़ी समस्या है?रतन मोदी : नक्सली समस्या का समाधान जरूरी है. पर यह तभी होगा जब यहां के युवाओं को रोजगार मिले. गांवों में युवाओं को नौकरी मिलेगी तो वे खुद ही इससे दूर होंगे. चेंबर को कोशिश होगी कि गांवों तक रोजगार का सृजन हो.पवन बजाज : नक्सलवाद राज्य की नहीं देश की समस्या है. इस पर कई राज्यों को एक साथ मिल कर केंद्रीकृत योजना के साथ काम करना होगा. गांव के खेतों तक पानी पहंुचे. कृषि व पर्यटन का विकास हो. तभी इस पर काबू पाया जा सकता है.अश्विनी राजगढि़या : चेंबर में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या योजना है?रतन मोदी : युवा शक्ति आगे आये और चेंबर में सहयोग करें. उनके साथ अनुभवी बुजुर्ग भी हो. दोनों के समन्वय से चेंबर कार्य करे.पवन बजाज : हमारा देश युवाओं का देश है. युवाओं को शिक्षित और समृद्ध बनाना होगा. चेंबर में भी युवाओं को आगे आकर पहचान बनानी होगी.आरके गाड़ोदिया : चुनाव के बाद टीम को साथ लेकर चलने के लिए क्या पहल करेंगे?रतन मोदी : सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास होता है. हमारी टीम जीत कर आयेगी, तो सभी को साथ लेकर चलेगी.पवन बजाज : वर्तमान कार्यकारिणी ने ऐसा नहीं किया है. चेंबर के सारे सदस्य एक परिवार की तरह है. सभी को साथ मिल कर काम करना होगा.

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