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हड़ताल की भेंट चढ़ गया पोढ़ा अहीर

1955 में जेल प्रशासन ने रिनपास में भरती कराया था ( तसवीर ट्रैक पर है) आवश्यकसुनील कुमार गुप्ता कांके : रिम्स में पिछले दिनों जूनियर डॉक्टरांे की हड़ताल के कारण समुचित इलाज नहीं होने से रिनपास में 59 वर्षों से भर्ती मनोरोगी लगभग 86 वर्षीय पोढ़ा अहीर की असमय ही मौत हो गयी. अपनी पत्नी […]

1955 में जेल प्रशासन ने रिनपास में भरती कराया था ( तसवीर ट्रैक पर है) आवश्यकसुनील कुमार गुप्ता कांके : रिम्स में पिछले दिनों जूनियर डॉक्टरांे की हड़ताल के कारण समुचित इलाज नहीं होने से रिनपास में 59 वर्षों से भर्ती मनोरोगी लगभग 86 वर्षीय पोढ़ा अहीर की असमय ही मौत हो गयी. अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में पोढ़ा अहीर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में आया था. इसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी. सजा काटने के क्रम में इसे मानसिक रोग हो गया था, तब इसे 1955 में इलाज के लिए तत्कालीन रांची मानसिक आरोग्यशाला (अब रिनपास) में जेल प्रशासन ने भरती कराया था. तब से पोढ़ा अहीर रिनपास का ही होकर रह गया. रिनपास में इसकी सिर्फ दवा की फाइलें ही मौजूद हैं. इसके आजीवन कारावास की सजा कब की पूरी हो चुकी थी. लेकिन न जेल प्रशासन, न राज्य सरकार और न ही घरवालों ने इसकी खोज-खबर ली और पोढ़ा अहीर की बाकी जिंदगी रिनपास में ही कट गयी. यह मूल रूप से तमाड़ का रहने वाला था. इसकी मौत मंगलवार को हो गयी. इसे जुमार नदी स्थित रिनपास के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार संस्थान के कर्मचारियों ने कर दिया.सिर पर लगी थी चोटरिनपास के अधिकारियों ने बताया कि पोढ़ा अहीर को संस्थान के अंदर ही इसके साथी मरीज ने 28 अगस्त को सिर पर लाठी दे मारी. इसे इलाज की सख्त जरूरत थी. रिनपास के कर्मचारियों ने इसे रिम्स लाया. लेकिन रिम्स में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी. फलस्वरूप इसे वापस रिनपास लाया गया, जहां संस्थान के चिकित्सकों ने ही इलाज किया. अंतत: इलाज के क्रम में ही दो सितंबर को इसकी मौत हो गयी. दिन भर अपने काम में व्यस्त रहता था पोढ़ा संस्थान के पुराने मनोचिकित्सकों ने बताया कि पोढ़ा अहीर का इलाज निरंतर चल रहा था. पोढ़ा अहीर दिन भर हाथ में हंसुआ लेकर वार्ड संख्या दो के आसपास में उगी झाडि़यों व घासफूस की सफाई में लगा रहता था और अन्य मरीजों से अलग होकर कार्य करता था. घास-फूस की रस्सी बनाना उसकी आदत बन गयी थी. वह स्वयं दो-तीन रस्सियों का माला बना कर गले में पहन कर रहता था. इसकी मौत पर रिनपास के अधिकारी व कर्मचारीयों ने शोक व्यक्त किया है.

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