रांची: राज्य में 1.15 लाख मीट्रिक टन मछली की मांग पूरी करने के लिए मत्स्य विभाग लगातार प्रयासरत है. इसमें राज्य के सभी प्रगतिशील मत्स्य पालकों, मत्स्य मित्रों तथा मछली बीज उत्पादकों की भूमिका सराहनीय है.
उक्त बातें मत्स्य निदेशक राजीव कुमार ने सोमवार को झास्कोफिश कार्यालय में मत्स्य विकास में मत्स्य मित्रों एवं बीज उत्पादकों की सहभागिता विषय पर आयोजित कार्यशाला में कही. उन्होंने कहा कि राज्य में मछली उत्पादन 96600 मीट्रिक टन पहुंच गया है, जो निरंतर बढ़ता जा रहा है.
राज्य एक-दो वर्ष में मछलीपालन में आत्मनिर्भर हो जायेगा. उन्होंने मछलीपालन कार्य में उन्नत किस्म के मछली जीरा का संचयन तालाब में करने पर बल दिया. इस अवसर पर मत्स्य पालकों व मत्स्य मित्रों को प्रशिक्षण भी दिया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में रांची, गुमला, लोहरदगा, खूंटी तथा सिमडेगा जिले के 200 से अधिक मत्स्य मित्रों एवं बीज उत्पादकों ने भाग लिया.