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पीएम झारखंड को समझें : हेमंत

हूटिंग के बीच ही सीएम को देना पड़ा भाषणसीएम ने कहाखनन नीति की समीक्षा की जरूरतपर्यटन क्षेत्र का विकास करें केंद्र, तो नक्सलवाद समाप्त हो जायेगाआप चाय बेचते थे तो मेरी मां भी बरतन मांजती थीसरकार गरीबों की कीमत पर व्यापार को बढ़ावा न देवरीय संवाददातारांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से झारखंड के […]

हूटिंग के बीच ही सीएम को देना पड़ा भाषणसीएम ने कहाखनन नीति की समीक्षा की जरूरतपर्यटन क्षेत्र का विकास करें केंद्र, तो नक्सलवाद समाप्त हो जायेगाआप चाय बेचते थे तो मेरी मां भी बरतन मांजती थीसरकार गरीबों की कीमत पर व्यापार को बढ़ावा न देवरीय संवाददातारांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से झारखंड के लोगों की भावनाओं को समझने की अपील की है. पावर ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन के उदघाटन समारोह को सीएम संबोधित कर रहे थे. बीच-बीच में लोगों की हूटिंग के बीच भी सीएम अपनी बात रखते रहे. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री हैं और वह राज्य के मुख्यमंत्री की हैसियत से यहां हैं. उन्होंने लोगों से मंच की गंभीरता समझने की अपील भी की. उन्होंने कहा, सरकारें आती-जाती रहती हैं. इन सबके बीच ही जनता के प्रति कर्तव्यों को पूरा किया जाता है. मुख्यमंत्री ने श्री मोदी के पीएम बनने के तीन माह बाद ही झारखंड आने पर आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि इससे केंद्र के प्रति भरोसा बढ़ा है. उन्होंने कहा : झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में पीएम का आगमन हुआ है, यह गर्व की बात है. अगर गरीबी कहीं दिखती है, तो वह दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के बीच. इन गरीबों के लिए दो शाम की रोटी की व्यवस्था कर सकें, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. सीएम ने कहा : आपने राज्य के खनन क्षेत्रों का हवाई दर्शन किया होगा. आप जब इन खंडहर होते पर्वतों को देखेंगे, तो आपकी आंखों में आंसू आयेंगे. यहां की जनता लाल पानी पीने को मजबूर है. मातायें बीमार बच्चों को जन्म दे रही हैं. आज खनन नीति की समीक्षा की जरूरत है. यह भी देखना होगा कि खनिज से ही विकास होगा या कुछ अन्य से. बिना गोली के नक्सल समस्या का समाधानसीएम ने कहा कि सरकार पर्यटन का विकास करे, तो नक्सलवाद जैसी समस्या बिना गोलियों के ही समाप्त हो सकती है. तब यहां गोलियों की जगह सैलानियों के बच्चों के ठहाके सुनाई देंगे. सीएम ने पर्यटन के मामले में केंद्र से सकारात्मक सहयोग की जरूरत बतायी. रायल्टी बढ़ाना नाकाफीकेंद्र सरकार द्वारा खनिजों पर पांच प्रतिशत रायल्टी वृद्धि को सीएम ने नाकाफी बताते हुए कहा कि यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. कोयले की रायल्टी यदि बढ़ती, तो राज्य की आमदनी भी बढ़ती. सीएम ने कहा : आठ प्रतिशत से विकास दर को 10 प्रतिशत पर करने के लिए मंथन चल रहा है. सारा प्रयास इसे हासिल करने के लिए हो रहा है. जबकि पूंजीपतियों का विकास सौ प्रतिशत बढ़ रहा है. देश के गरीबों का निवाला ये लोग न ले लें, इससे सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को उन्होंने पीएम का भाषण सुना था. हर घरों में शौचालय हो और बच्चों को संस्कार मिले, यह बात पीएम ने कही थी. सीएम ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात नहीं है. सबको चिंतन करने की जरूरत है कि आज तक ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है. आप चाय बेचते थे और मेरी मां बरतन मांजती थीसीएम ने कहा : प्रधानमंत्री जी आप कितने संघर्ष के बाद यहां तक पहुंचे हैं. आपके और हमारे बीच समानता है. आप चाय की दुकान से यहां तक पहुंचे हैं. मेरी मां भी अमीरों के घर बरतन मांज कर मुझे यहां तक लायी है. सीएम ने कहा कि गरीबों को झूठे सपने दिखाना बंद होना चाहिए. इनके सपने यदि टूट गये, तो देश बिखर जायेगा. सरकार व्यापार को बढ़ावा दे पर गरीबों की कीमत पर नहीं. प्याज 10 रुपये की जगह 90 रुपये नहीं बिके. जमाखोरी के प्रति सरकार लगाम लगाये. विकास के प्रति गंभीरता से आगे बढ़ने की जरूरत है. सीएम ने कहा कि आज जिस पावर ग्रिड और जसीडीह डिपो का उदघाटन किया जा रहा है. इस योजना को पूर्व की सरकार ने आरंभ किया था. यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री इसका उदघाटन कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि यह अच्छी बात है कि पूर्व की सरकारों की योजनाओं को धरातल पर लाया जा रहा है. रास्ते भले ही अलग हों, पर मंजिल और लक्ष्य एक ही होना चाहिए. यदि राज्य मजबूत होगा तो भारत भी मजबूत होगा. सीएम ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा था, ताकि गांव, नक्सल समस्या व अन्य मुद्दों पर बात की जा सके. उन्होंने प्रधानमंत्री से इन सभी मुद्दों पर सहयोग की मांग करते हुए कहा कि एक सिस्टम से ही देश आगे बढ़ सकता है.

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