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मधुबनी पेंटिंग में बनायी पहचान

सुमन द्विवेदी ऐश्वर्या-अभिषेक और धौनी-साक्षी को भेंट कर चुकी हैं अपनी पेंटिंगफोटो- सुनील भैयालाइफ रिपोर्टर @ रांचीसिंह मोड़ निवासी सुमन द्विवेदी मधुबनी पेंटिंग में कोहवर के लिए जानी जाती हैं. उनकी पेंटिंग बॉलीवुड कलाकार ऐश्वर्या-अभिषेक बच्चन और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास भी है. सुमन भागलपुरी सिल्क पर मधुबनी पेंटिंग […]

सुमन द्विवेदी ऐश्वर्या-अभिषेक और धौनी-साक्षी को भेंट कर चुकी हैं अपनी पेंटिंगफोटो- सुनील भैयालाइफ रिपोर्टर @ रांचीसिंह मोड़ निवासी सुमन द्विवेदी मधुबनी पेंटिंग में कोहवर के लिए जानी जाती हैं. उनकी पेंटिंग बॉलीवुड कलाकार ऐश्वर्या-अभिषेक बच्चन और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास भी है. सुमन भागलपुरी सिल्क पर मधुबनी पेंटिंग से कोहवर बना कर ऐश्वर्या- अभिषेक की शादी में उन्हें गिफ्ट कर चुकी हैं. वह धौनी को पेंटिंग और साक्षी को सिल्क के स्टॉल भी गिफ्ट कर चुकी हैं. अब सुमन इस कला को ऊंचाइयों की बुलंदियों तक ले जाना चाहती हैं. 15 सालों से जुड़ी हुई हैंमूलत: मोतिहारी की रहने वाली 47 वर्षीय सुमन द्विवेदी पिछले 15 वर्षों से इस कला से जुड़ी हुई हैं. इन्हें अपनी कला से बहुत प्यार है. वह सात साल से रांची में रह रही हैं. कोहवर मधुबनी पेंटिंग ट्रेनिंग सेंटर के जरिये करीब 200 लड़कियों को ट्रेंड कर चुकी हैं. वैसे तो मधुबनी पेंटिंग विशेष तौर पर ग्रामीण परिवेश के ऊपर बनायी जाती है. इसमें पर्यावरण से संबंधित चित्र, बतकों का जोड़ा, मछली का कॉन्सेप्ट, देवी-देवताओं का चित्र, राम-विवाह, कृष्ण-लीला आदि का चित्र उकेड़ा जाता है. सुमन की पेंटिंग की विशेषता है कि वह कोहवर और भगवान बुद्ध की जीवनी को सिल्क कपड़े पर बेहद खूबसूरती के साथ उतारती हैं. उन्होंने पेंटिंग के माध्यम से भगवान बुद्ध की जीवनी को 15 भागों में विभाजित किया है.सम्मानित हो चुकी हैं हाल ही में इस्पात महिला समिति की ओर से सुमन द्विवेदी को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया है. यह सम्मान उन्हें महुआ मांजी ने दिया है. सुमन नेशनल अवार्ड पाने की कोशिश में लगी हैं. पति एचएन द्विवेदी भी उन्हें काफी प्रोत्साहित करते हैं. एचएन द्विवेदी मत्स्य विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.एक महीने में एक साड़ी करती हैं पूरासुमन बताती हैं कि मधुबनी पेंटिंग में काफी मेहनत की जरूरत होती है. एक पोस्टर को पूरा करने में एक सप्ताह लग जाता है. वहीं यदि साड़ी पर पेंटिंग करनी होती है, तो एक महीने का समय लग जाता है. वह बताती हैं कि पहले मधुबनी पेंटिंग प्राकृतिक रंगों से तैयार की जाती थी, लेकिन अब फेब्रिक पेंट से की जाती है. प्राकृतिक रंगों को तैयार करने में बहुत समय और मेहनत लगता है. यही वजह है कि लोग रेडिमेड रंगों का इस्तेमाल करते हैं.

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