राणा प्रताप, रांचीबिहार, ओडि़शा व पश्चिम बंगाल रिजन में पहली बार झारखंड में फिश फीड (मछलियों का भोजन) का उत्पादन शुरू किया गया है. चांडिल जलाशय के पास चांडिल मत्स्य जीवी सहयोग समिति द्वारा उत्पादन शुरू किया गया है. प्रतिदिन औसतन 1.50 टन भोजन तैयार हो रहा है. 20 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उत्पादन लागत आ रही है, जबकि पहले 36 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से फीड खरीदी जाती थी. सहकारिता विभाग ने योजना के लिए मत्स्य निदेशालय को 40 लाख रुपये दिया था. 28 लाख खर्च करने के बाद उत्पादन शुरू हो गया है. तालाबों में भरा पानी, मछली उत्पादन शुरूकम बारिश के बावजूद पलामू, गढ़वा, लातेहार, गिरिडीह के हजारों तालाबों को छोड़ कर राज्य के अधिकतर तालाबों में पानी का जमाव हो गया है. तालाबों में मछली उत्पादक जीरा डालने का काम तेजी से कर रहे हैं. वर्ष 2014-2015 में 1.10 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य है. लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकारी व निजी स्तर पर 114 करोड़ मछली जीरा तैयार किया गया है. 1.70 लाख हेक्टेयर में उत्पादन1.70 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र में मछली का उत्पादन किया जा रहा है. 1.05 लाख तालाब हैं, इसका क्षेत्रफल 55,000 हेक्टेयर है.2883 किसानों ने लिया प्रशिक्षणमत्स्य निदेशालय ने 2883 किसानों को प्रशिक्षित किया है. मत्स्य मित्रों के अलावा प्रशिक्षित किसान मछली जीरा उत्पादन में लगे है. 22 करोड़ सरकारी व 92 करोड़ निजी स्तर पर जीरा तैयार किया गया है. वर्जनराज्य के तालाबों व जलाशयों में पानी भर गया है. अब मछली उत्पादन का तय लक्ष्य हासिल करने में सुविधा होगी. किसान जल क्षेत्रों में जीरा डाल रहे हैं. केज में मछली उत्पादन बढ़ाया जा रहा है.राजीव कुमार, मत्स्य निदेशक, झारखंड.
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झारखंड में फिश फीड का उत्पादन शुरू
राणा प्रताप, रांचीबिहार, ओडि़शा व पश्चिम बंगाल रिजन में पहली बार झारखंड में फिश फीड (मछलियों का भोजन) का उत्पादन शुरू किया गया है. चांडिल जलाशय के पास चांडिल मत्स्य जीवी सहयोग समिति द्वारा उत्पादन शुरू किया गया है. प्रतिदिन औसतन 1.50 टन भोजन तैयार हो रहा है. 20 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से […]
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