मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच असैन्य परमाणु सहयोग के बारे में चिरप्रतीक्षित सहमति बन गयी है. प्रधानमंत्री टोनी अबॉट अगले माह भारत यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर करेंगे. ऑस्ट्रेलियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन की एक रपट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है, ‘सहमति बन गयी है और भारतीय अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया को विश्वास दिला दिया है कि यहां से मिलनेवाला यूरेनियम परमाणु हथियार में इस्तेमाल नहीं किया जायेगा.’ रपट में यह भी कहा गया है कि अन्य परमाणु निर्यातक देशों की तुलना में भारत ने समझौते की बातचीत काफी कम समय में पूरी की है. वर्ष 2012 में लेबर पार्टी ने भारत को यूरेनियम निर्यात पर पाबंदी का अपना फैसला पलट दिया था, उसके बाद से दोनांे देशों में इस समझौते के लिए बातचीत शुरू हुई थी. ऑस्ट्रेलिया के पास विश्व के यूरेनियम संसाधनों का एक तिहाई भंडार है और वह सालाना 7,000 टन यूरेनियम का निर्यात करता है. भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए ऊर्जा की तंगी से जूझ रहा है. ऐसे में वह परमाणु ऊर्जा के विकल्प का लाभ उठाना चाहता है. भारत अर्जेटीना और कजाखस्तान जैसे देशों के साथ पहले ही असैन्य परमाणु सहयोग समझौता कर चुका है.
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ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच असैन्य परमाणु सहयोग पर सहमति
मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच असैन्य परमाणु सहयोग के बारे में चिरप्रतीक्षित सहमति बन गयी है. प्रधानमंत्री टोनी अबॉट अगले माह भारत यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर करेंगे. ऑस्ट्रेलियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन की एक रपट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है, ‘सहमति बन गयी है और भारतीय अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया को विश्वास […]
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