एजेंसियां, बेंगलुरुभारत का मंगलयान लाल ग्रह की कक्षा से अब महज 8.8 करोड़ किलोमीटर दूर है. महत्वाकांक्षी मंगल अभियान (मार्स ऑर्बिटर मिशन) के तहत मंगलयान को कुल 68 करोड़ किमी की दूरी तय करनी थी. मंगलयान को निर्धारित कार्यक्र म के तहत 24 सितंबर को लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करना है.सिग्नल जाने-आने में लगते हैं 20 मिनटभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अभियान से जुड़े अपने फेसबुक पेज पर यह जानकारी दी है. इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार मंगलयान तक रेडियो सिग्नल पहुंचने और वापस आने में अब 20 मिनट का समय लग रहा है. इसरो का यह भी कहना है कि मंगलयान के सही पथ पर होने के कारण अब उसके लिए ट्रेजेक्टरी करेक्शन मैनूवर (टीसीएम) की जरूरत नहीं है.ग्रह अनुसंधान में मिलेगी मददसाढ़े चार सौ करोड़ रु पये की लागत वाले इस अभियान के तहत 5 नवंबर, 2013 को मंगलयान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी रॉकेट के जरिये लांच किया गया था. अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि अभियान के सफल रहने पर ग्रहों से जुड़े अनुसंधान में काफी मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं, इस लिहाज से मंगल अभियान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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मंगलयान लाल ग्रह से 8.8 करोड़ किमी दूर
एजेंसियां, बेंगलुरुभारत का मंगलयान लाल ग्रह की कक्षा से अब महज 8.8 करोड़ किलोमीटर दूर है. महत्वाकांक्षी मंगल अभियान (मार्स ऑर्बिटर मिशन) के तहत मंगलयान को कुल 68 करोड़ किमी की दूरी तय करनी थी. मंगलयान को निर्धारित कार्यक्र म के तहत 24 सितंबर को लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करना है.सिग्नल जाने-आने में […]
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