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भाजपा देश में फैला रही सांप्रदायिक हिंसा

सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने भाजपा को घेरा नयी दिल्ली. लोकसभा में गुरुवार को सांप्रदायिकता को लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारुढ़ भाजपा को चारों ओर से घेरते हुए जोरदार हमला किया और उस पर देश में सांप्रदायिकता को भड़काने का आरोप लगाया, जिसके चलते सदन में माहौल कुछ समय के लिए गर्मा […]

सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने भाजपा को घेरा नयी दिल्ली. लोकसभा में गुरुवार को सांप्रदायिकता को लेकर विपक्षी दलों ने सत्तारुढ़ भाजपा को चारों ओर से घेरते हुए जोरदार हमला किया और उस पर देश में सांप्रदायिकता को भड़काने का आरोप लगाया, जिसके चलते सदन में माहौल कुछ समय के लिए गर्मा गया. समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव, आइयूएमएल के इटी मोहम्मद बशीर और कांग्रेस के मोहम्मद असारुल हक ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि पार्टी के सत्ता में आने के बाद से देश में माहौल बदल रहा है.निपटने के लिए तंत्र विकसित करेकांग्रेेस पार्टी ने देश में सांप्रदायिकता की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किये जाने के मुद्दे पर नियम 193 के तहत सदन में चर्चा कराये जाने की मांग की थी. इसी मुद्दे पर पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी तक की थी. लेकिन, गृह मंत्री राजनाथ सिंह अस्वस्थ होने के कारण सत्र के अंतिम दिन इस चर्चा का जवाब नहीं दे सके. कांग्रेस इस पर गृह मंत्री या प्रधानमंत्री से ही बयान चाहती थी. बुधवार की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए मुलायम ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं में भाजपा का ‘हाथ’ है जहां सपा सरकार में है. भाजपा सदस्यों ने उनकी इस टिप्पणी का तीखा प्रतिवाद किया और वे अपने स्थानों पर खड़े होकर सपा प्रमुख से बहस करते देखे गये.आपसी अविश्वास तनाव के कारण : थंबीदुरै उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै ने सभी सदस्यों से कहा कि वे बहस के बीच में व्यावधान पैदा नहीं करें और अपनी आपत्तियों को बाद में उठायें. मुलायम ने कहा, ‘सांप्रदायवाद देश के लिए खतरनाक है. छोटी-छोटी घटनाएं सांप्रदायिक रूप ले लेती हैं, हम सांप्रदायवाद के शिकार हैं.’ उन्होंने आपसी अविश्वास तथा अल्पसंख्यकों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलने को देश में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि का कारण बताया. उन्होंने कहा कि देश में समरसता समाप्त हो गयी है. उन्होंने हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए समिति का गठन किये जाने की मांग की.मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में दंगा नहीं हुए मुलायम ने मुजफ्फनगर और सहारनपुर की हालिया हिंसा की घटनाओं को कमतर करने का प्रयास करते हुए इन्हें समुदायों के बीच विवाद बताया और कहा कि ये घटनाएं दंगा नहीं थी. सपा प्रमुख ने कहा कि दो दिनों के भीतर स्थिति पर काबू पा लिया गया और किसी भी राज्य में इतनी कम अवधि में स्थिति को इस प्रकार नियंत्रित नहीं किया जा सकता था.अल्पसंख्यकों को डराया जा रहाकांग्रेस के मोहम्मद असारारुल हक ने देश में शांति और समरसता बनाये रखने की जरूरत पर बल दिया और साथ ही कहा कि एक विशेष विचारधारावाली पार्टी की सरकार आने के बाद से विभिन्न प्रकार की बयानबाजी कर अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है. उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार से कार्रवाई किये जाने की मांग की. हक ने इसके साथ ही कहा कि सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक को पारित किया जाये.

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