आरोप. सोनिया ने सांप्रदायिक हिंसा को लेकर मोदी पर साधा निशाना, कहाकांग्रेस महिला आरक्षण बिल को लेकर सरकार पर बनायेगी दबाव एजेंसियां, तिरुवनंतपुरममोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में सांप्रदायिक हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. केंद्र की सत्ता से कांग्रेस के दूर होने के बाद पहली बार पार्टी के मंच से बोलते हुए सोनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और देश के दूसरे हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा का बार-बार होना ‘गहरी चिंता का विषय’ है. सोनिया ने आरोप लगाया कि ये घटनाएं धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने के लिए सोचे समझे प्रयास का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि यूपी में सांप्रदायिक हिंसा की 600 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं और शायद महाराष्ट्र में भी इतनी ही है. यूपीए-1 और यूपीए-2 के समय शायद ही कोई ऐसी घटना हुई थी. इसके पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक संघर्ष को सोची-समझी रणनीति के तहत कराया गया. वह इस स्थिति पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास तक चले गये थे. सोनिया गांधी केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित एक विशेष सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने अफसोस जताया कि उनकी पार्टी के सत्ता में रहते हुए महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हो सका, लेकिन उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्षी दल के रूप में इस विधेयक को पारित कराने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगी. फिलीस्तीनी जनता के साथ विश्वासघात सोनिया ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह गाजा पर इस्राइली हमले को लेकर फिलीस्तीनी जनता के साथ पर्याप्त रूप से एकजुटता प्रकट करने में नाकाम रही है. गाजा मामले पर लोकसभा में प्रस्ताव पारित करने के प्रति सरकार की अनिच्छा को लेकर उस पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा कि इसने लोगों की पीड़ा के प्रति देश की प्रतिक्रिया को मौन कर दिया और फिलीस्तीनी की जनता के साथ एकजुटता प्रकट करने की पुरानी परंपरा तथा आसपास के दो देशों के शांति एवं सद्भाव के साथ रहने के दृष्टिकोण के साथ विश्वासघात किया. ‘उनकी’ टिप्पणियों पर टिप्पणी जरूरी नहीं : जितेंद्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा सांप्रदायिक हिंसा को लेकर मोदी सरकार पर किये गये हमले को सरकार ने खारिज करते हुए कहा कि उनकी ‘बिना सोचे समझे’ टिप्पणियों पर टिप्पणी करना जरूरी नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है. पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ‘हमें उस पर अधिक महत्व देना चाहिए, जो कोई कह रहा है’, क्योंकि हम ‘सबूत आधारित दलीलों के युग’ में रहते हैं. कहा, ‘प्रधानमंत्री और सरकार के इन मुद्दों (सांप्रदायिक हिंसा) पर रुख कहीं अधिक स्पष्ट है. मुद्दा संसद में उठा था और सरकार ने अपनी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट कर दी थी.
सत्ता में आते ही बढ़े देश में दंगे
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