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निजीकरण के खिलाफ संसद का होगा घेराव

पावर इंजीनियर फेडरेशन ने की घोषणाजेपेसा का फ्रेंचाइजी और निजीकरण पर होटल बीएनआर में सेमिनार वरीय संवाददातारांची. ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया पावर फेडरेशन ने शीतकालीन सत्र में संसद के घेराव की घोषणा की है. झारखंड पावर इंजीनियर्स सर्विस एसोसिएशन(जेपेसा) द्वारा फ्रेंचाइजी और निजीकरण पर होटल बीएनआर में आयोजित सेमिनार में फेडरेशन […]

पावर इंजीनियर फेडरेशन ने की घोषणाजेपेसा का फ्रेंचाइजी और निजीकरण पर होटल बीएनआर में सेमिनार वरीय संवाददातारांची. ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया पावर फेडरेशन ने शीतकालीन सत्र में संसद के घेराव की घोषणा की है. झारखंड पावर इंजीनियर्स सर्विस एसोसिएशन(जेपेसा) द्वारा फ्रेंचाइजी और निजीकरण पर होटल बीएनआर में आयोजित सेमिनार में फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दूबे ने घेराव की घोषणा की. शीतकालीन सत्र तक केंद्र सरकार को ऊर्जा नीति में बदलाव के लिए समय दिया गया है. यदि बदलाव नहीं होता है, तो देश भर के बिजली कर्मी दिल्ली में जुट कर संसद का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा कि मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण अब स्वीकार नहीं है. सेमिनार को संबोधित करते हुए श्री दूबे ने कहा कि पतरातू में भी नये थर्मल पावर प्लांट को निजी हाथों में नहीं दिया जाना चाहिए. इसके लिए बनहरदी कोल ब्लॉक उपलब्ध है. पानी उपलब्ध है. जमीन भी है, तो निजी कंपनियों को मुफ्त में क्यों पावर प्लांट दिया जा रहा है. इसका निर्माण सरकारी स्तर पर ही होना चाहिए. यदि बिजली बोर्ड के पास पूंजी नहीं है, तो पावर फायनेंस कॉरपोरेशन लोन देने के लिए तैयार है. श्री दूबे ने कहा कि बिजली वितरण में देश में जहां कहीं भी फ्रेंचाइजी दी गयी है, वहां सरकारों को नुकसान ही उठाना पड़ा है. महाराष्ट्र के नागपुर, औरंगाबाद, जलगांव और भिवंडी में यह मॉडल पूरी तरह फेल हो चुका है. आगरा के मामले में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में पांच हजार करोड़ रुपये घोटाले की बात कही है. फ्रेंचाइजी के माध्यम से पूरी बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है, जिसकी सीबीआइ से जांच होनी चाहिए. रांची और जमशेदपुर में भी फ्रेंचाइजी देने पर 20 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान होगा. झारखंड में बिजली की संभावना : एसएन वर्माझारखंड ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष एसएन वर्मा ने कहा कि झारखंड में चारों फार्मेट (थर्मल, सोलर, हाइडल और न्यूक्लियर) में बिजली की संभावना मौजूद है. झारखंड गठन के बाद बिजली उत्पादन पर कम चिंतन हुआ है. उपलब्ध संसाधनों का दोहन बिजली उत्पादन में नहीं किया गया, जिसके चलते बिजली संकट की स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि अब कदम उत्पादन की तरफ बढ़ाये जा रहे हैं. श्री वर्मा ने कहा कि तीन पावर प्लांट का निर्माण हो रहा है. पतरातू में एक 1320 मेगावाट का व एक 1600 मेगावाट का पावर प्लांट बनेगा. भवनाथपुर में 1320 मेगावाट का पावर प्लांट बनेगा. पतरातू में पावर प्लांट के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा जा रहा है. श्री वर्मा ने कहा कि झारखंड में बिजली है, पर ट्रांसमिशन लाइन कम होने की वजह से सभी जगह पूरी आपूर्ति नहीं की जा पाती. जल्द ही संथाल में भी स्थिति सुधर जायेगी. एक साल में 10 ग्रिड बन जायेंगे. अपने-आप में सुधार लाना होगा : नामधारीपूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि कॉरपोरेट घराने सरकार की मिलीभगत से घोटाले करते हैं. यदि निजी कंपनियों को रोकना है, तो सार्वजनिक उपक्रमों को उनसे कंपीटीशन करना होगा. अपने-आप में सुधार लाना होगा. तभी निजी कंपनियों को रोका जा सकता है. बिजली वितरण निगम के एमडी केके वर्मा समेत रत्नाकर राव, बीएल यादव, एके जैन व अक्षय कुमार ने भी सेमिनार को संबोधित किया. बाद में जेपेसा पदाधिकारियों की नयी कार्यकारिणी का चुनाव भी किया गया.

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