22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2015-16 से चल रही है छठी सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया

रांची : झारखंड बने 19 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक पांच सिविल सेवा परीक्षा ही पूरी हो पायी है. छठी सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2015-16 से चल रही है. 326 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोग ने अॉनलाइन आवेदन मंगाये. इसमें 95 हजार आवेदन आये. 18 दिसंबर 2016 को […]

रांची : झारखंड बने 19 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक पांच सिविल सेवा परीक्षा ही पूरी हो पायी है. छठी सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2015-16 से चल रही है. 326 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोग ने अॉनलाइन आवेदन मंगाये. इसमें 95 हजार आवेदन आये. 18 दिसंबर 2016 को प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) ली गयी. पीटी के बाद तीन बार संशोधित रिजल्ट जारी करने, एक बार मुख्य परीक्षा की तिथि स्थगित करने के बाद अंतत: रिजल्ट जारी हो सका है. आरंभ से ही कतिपय उम्मीदवारों द्वारा आरक्षण, पद के विरुद्ध सफल उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाने व अन्य अनियमितता का आरोप लगाते हुए लगातार आंदोलन किया गया.

मामले ने इतना तूल पकड़ा कि राज्य सरकार, हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को इसे सलटाने में चार साल लग गये. मुख्य परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का अब 24 फरवरी 2020 से साक्षात्कार लिया जायेगा. मालूम हो कि हाइकोर्ट ने आयोग को पीटी के दूसरे संशोधित रिजल्ट में उत्तीर्ण 6103 अभ्यर्थियों का ही मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया.
छात्र संगठनों व उम्मीदवारों ने आंदोलन शुरू किया : आयोग द्वारा 18 दिसंबर 2016 को पीटी का आयोजन किया गया. पहली बार 23 फरवरी 2017 को विज्ञापन की शर्त के अनुरूप देर शाम रिजल्ट जारी किया गया. इसमें 5138 उम्मीदवार सफल हुए.
रिजल्ट प्रकाशित होते ही इसमें आरक्षित वर्ग के लोगों को नुकसान होने का हवाला देकर छात्र संगठनों व परीक्षा में शामिल अन्य उम्मीदवारों द्वारा आंदोलन शुरू हुआ.धरना-प्रदर्शन हुआ. विधानसभा में मामला उठा. मामला हाइकोर्ट पहुंचा. हाइकोर्ट के निर्देश पर आयोग ने 11 अगस्त 2017 को संशोधित रिजल्ट जारी किया. इसमें 206 अंक से अधिक लानेवाले अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये. रिजल्ट में पिछड़ा वर्ग के 965 परीक्षार्थी पास हुए.
इस तरह सफल उम्मीदवार की संख्या बढ़ कर 6103 हो गयी. इसके आधार पर मुख्य परीक्षा की तिथि जारी की गयी. लेकिन एससी-एसटी श्रेणी के लोग पीटी में भी आरक्षण मांगने लगे. मामला फिर कोर्ट में चला गया, फलस्वरूप आयोग को परीक्षा स्थगित करनी पड़ी.
इसके बाद सरकार ने विभिन्न वर्गों के लिए अलग-अलग न्यूनतम अंक तय कर दिये. इस आधार पर आयोग ने छह अगस्त 2018 को तीसरी बार संशोधित रिजल्ट जारी किया. इस बार सफल उम्मीदवारों की संख्या 34 हजार 634 हो गयी. आयोग ने इस आधार पर मुख्य परीक्षा का आयोजन भी किया. आयोग ने सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल भी कराया.
साथ ही सभी उत्तरपुस्तिकाअों का मूल्यांकन भी कराया. रिजल्ट जारी होने से पहले यह मामला एक बार फिर हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट चला गया. कोर्ट ने दूसरी बार जारी पीटी रिजल्ट में उत्तीर्ण 6103 उम्मीदवारों का ही रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया. हालांकि कई संगठन अब भी इसका विरोध कर रहे हैं.
हाइकोर्ट ने कहा था : नियमानुसार रिक्त पद के पंद्रह गुणा ही उम्मीदवारों को सफल घोषित किया जा सकता है
जेपीएससी द्वारा छठी सिविल सेवा मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक रोशन ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में संशोधन के लिए सरकार को संकल्प जारी करने का कोई औचित्य नहीं था. नियमानुसार रिक्त पद के पंद्रह गुणा ही उम्मीदवारों को सफल घोषित किया जा सकता है.
कानूनी अपेक्षाओं के सिद्धांत के फाॅर्मूले पर सरकार का संशोधन खरा नहीं उतरता है, इसलिए सरकार के संकल्प को खारिज किया जाता है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मुख्य परीक्षा होने की वजह से अब आयोग उन्हीं 6,103 उम्मीदवारों के परिणाम घोषित करेगी, जो पहले संशोधन के तहत जारी परिणाम में सफल हुए थे. कोर्ट ने एकल पीठ के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया, जिसमें पंकज कुमार पांडेय की अपील को खारिज कर दिया गया था.
पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक उम्मीदवारों को शामिल करने की राज्य सरकार की योजना थी. सभी योग्य उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में शामिल हुए. अब कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने के विषय पर सरकार से परामर्श लिया जायेगा.
जेपीएससी ने पहली बार प्रत्येक श्रेणी में कुल पदों के विरुद्ध 15 गुणा उम्मीदवारों का चयन मुख्य परीक्षा के लिए किया था. इसके तहत पीटी में 5,138 उम्मीदवार सफल हुए थे. बाद में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश तथा राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद उन उम्मीदवारों का भी चयन किया गया, जिन्होंने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के कट ऑफ मार्क्स के बराबर या इससे अधिक अंक लाये थे.
दूसरी बार जारी संशोधित परिणाम में 6,103 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किये गये. बाद में यह मामला विधानसभा में उठने के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर से संशोधित परिणाम जारी करने का निर्णय लिया.
इसके तहत 12 फरवरी 2018 को संकल्प जारी कर प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स श्रेणीवार तय कर दिया गया. इससे कुल सफल उम्मीदवारों की संख्या 34,634 हो गयी. इस परिणाम के आधार पर ही मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया. हालांकि, इस परीक्षा में 28531 उम्मीदवार ही शामिल हुए. कोर्ट में इस संशोधित परिणाम को चुनौती दी गई थी.
पंकज कुमार पांडेय ने एकल पीठ के आदेश और सरकार के संकल्प को खंडपीठ में चुनौती दी थी. अंतत: हाइकोर्ट ने 6,103 उम्मीदवारों का ही परिणाम जारी करने का निर्देश आयोग को दिया. मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया, लेकिन आयोग को हाइकोर्ट के आदेश के आधार पर ही रिजल्ट जारी करने का निर्देश मिला.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें