रांची : वीर कुंवर सिंह कॉलोनी हिनू के रास्ता को लेकर हाइकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने नगर निगम की ओर से शपथ पत्र दायर नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि निगम के बेईमान अधिकारियों को नहीं बचायें. जब कॉलोनी में आने-जाने का रास्ता नहीं था, तो नक्शा कैैसे पास कर दिया गया. खंडपीठ ने नगर आयुक्त को स्पष्टीकरण के साथ जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
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बेईमान अफसरों को बचायें नहीं : हाइकोर्ट
रांची : वीर कुंवर सिंह कॉलोनी हिनू के रास्ता को लेकर हाइकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने नगर निगम की ओर से शपथ पत्र दायर नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि निगम के बेईमान अधिकारियों को नहीं बचायें. जब […]
पिछली सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने निगम को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था. साथ ही कॉलोनी में बने घरों का नक्शा भी प्रस्तुत करने को कहा था. यह भी बताने को कहा था कि नक्शा पास करने के दौरान रास्ता कहां से दिखाया गया है. सत्यदेव सिंह सहित अन्य की ओर से नक्शा प्रस्तुत किया गया, लेकिन निगम की ओर से शपथ पत्र दायर नहीं किया गया.
पूर्व मंत्री के निजी सचिव का सरेंडर, जेल
रांची़ इडी मामलों के विशेष जज एसके पांडेय की अदालत में शनिवार को 12.81 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री के निजी सचिव आरोपी मनोज कुमार सिंह ने सरेंडर कर दिया. सरेंडर के साथ-साथ जमानत याचिका भी दायर की. अदालत ने सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी. आरोपी को 28 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
आरोपी मनोज कुमार सिंह पूर्व मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के निजी सचिव (नाै अक्तूबर 2006 से लेकर 23 अगस्त 2008 तक) रह चुके हैं. लगभग छह साल फरार रहने के बाद उन्होंने शनिवार को विशेष अदालत में सरेंडर किया. उक्त मामले में उसके दो भाई सुबोध कुमार व सुजीत कुमार भी आरोपी हैं.
इनके खिलाफ भी इडी कुर्की-जब्ती का वारंट प्राप्त करेगी. उल्लेखनीय है कि इडी ने जनवरी 2011 में मामला दर्ज कराया था. अप्रैल 2013 में चार्जशीट दायर की गयी. इडी ने आरोप लगाया कि मधु कोड़ा मंत्रिमंडल में शामिल रहे मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव रहने के दाैरान आरोपी ने उक्त कमाई की थी़
साइबर क्राइम मामले में पिता-पुत्र को सजा
रांची़ साइबर क्राइम मामले के विशेष न्यायाधीश स्वयंभू की अदालत में शनिवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में आरोपी जामताड़ा के करमाटाड़ निवासी खूब लाल मंडल, उसके बेटे अजय मंडल व गोविंद मंडल को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनायी.
आरोपियों पर 1.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि भुगतान नहीं करने पर आरोपियों को 16 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. मामले में साइबर क्राइम के अनुसंधानकर्ता राजीव रंजन ने सात मई 2018 को चार्जशीट दायर की थी. जमशेदपुर के जय गुरु कॉलोनी निवासी डॉ अमरीक सिंह गोलन ने 14 जून 2017 को मामला दर्ज कराया था.
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