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भ्रष्टाचार : सालाना करोड़ों की उगाही कर रहे ड्रग इंस्पेक्टर, मंत्री ने भी स्वीकारा

राज्य सरकार को लगातार मिल रही है घूसखोरी की शिकायत रांची : कुछ अपवाद को छोड़ दें, राज्य के अधिसंख्य दवा निरीक्षकों (ड्रग इंस्पेक्टर या डीआइ) तथा लाइसेंसिंग अथॉरिटी पर करोड़ों रुपये की वसूली के अारोप लगते रहे हैं. लगातार इसकी शिकायत सरकार को भी मिलती रही है. अब तो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना […]

राज्य सरकार को लगातार मिल रही है घूसखोरी की शिकायत
रांची : कुछ अपवाद को छोड़ दें, राज्य के अधिसंख्य दवा निरीक्षकों (ड्रग इंस्पेक्टर या डीआइ) तथा लाइसेंसिंग अथॉरिटी पर करोड़ों रुपये की वसूली के अारोप लगते रहे हैं. लगातार इसकी शिकायत सरकार को भी मिलती रही है.
अब तो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी यह बात कही है कि ड्रग इंस्पेक्टर वसूली कर रहे हैं. यह बात इस परिप्रेक्ष्य में सही भी लगती है कि राज्य में नियमों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से दवा दुकानों का संचालन हो रहा है. जब भी कोई मामला सामने आता है और दबाव में जांच या छापेमारी अभियान चलाया जाता है, तो दवा दुकानों में गड़बड़ियां सामने आने लगती है. लेकिन इससे पहले नहीं. यह बिना मिलीभगत के कैसे संभव है?
ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने तथा दवा दुकानदारों को कानूनी प्रावधानों में छूट देने के एवज में उनसे वसूली होती है. दुकानदारों के अनुसार, ज्यादातर खुदरा दवा दुकानों से सालाना 10-15 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं. झारखंड में खुदरा व थोक दवा विक्रेताओं की संख्या 16,878 है. इनमें से करीब 14 हजार खुदरा दवा दुकानें हैं. निरीक्षण के दौरान किसी कमी या गड़बड़ी के कारण दवा दुकानों के लाइसेंस निलंबित (सस्पेंड) किये जाते हैं.
दुकानदारों के अनुसार, लाइसेंस फिर से बहाल करने की दर भी 15 से 20 हजार रुपये है. नयी दवा दुकान के ड्रग लाइसेंस के लिए तय शुल्क (तीन हजार) के बदले लाइसेंसिंग अथॉरिटी 20 से 25 हजार रुपये वसूलते हैं. दवा दुकानों के लाइसेंस का नवीकरण हर पांच वर्ष के बाद होता है. नवीकरण शुल्क भी तीन हजार रुपये ही है. इसके अलावा दवा दुकानदारों ने पांच हजार रुपये तक अतिरिक्त नजराना देने की बात भी बताते हैं.
नजराने की संभावित दर
खुदरा दवा दुकानों से सालाना 10-15 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं
लाइसेंस फिर से बहाल करने की दर भी 15 से 20 हजार रुपये है
ड्रग लाइसेंस के लिए तय शुल्क तीन हजार के बदले 20 से 25 हजार की वसूली
लाइसेंस के नवीकरण के लिए पांच हजार रुपये तक देना पड़ता है नजराना
लाइसेंस के लिए तय शर्त
दवा दुकान में कम से कम 10 वर्ग मीटर जगह होनी चाहिए
दुकान की छत पक्की व ढलाई वाली होनी चाहिए
बिजली व इसकी वैकल्पिक व्यवस्था जरूरी
कुछ खास दवाओं के लिए फ्रिज जरूरी
दवा बेचने के लिए फार्मासिस्ट जरूरी
निरीक्षण के दौरान जरूरी शर्तें
निरीक्षण के दौरान दवा दुकान में कोई फिजिशियन सैंपल नहीं होना चाहिए.
जरूरी दवाएं फ्रीज में होनी चाहिए, कोई एक्सपायर दवा दुकान में नहीं होनी चाहिए
जांच के वक्त दवा दुकान में विद्युत आपूर्ति बहाल रहनी चाहिए
दवा खरीदने व बेचने संबंधी कागजात दुरुस्त होना चाहिए
अनुमति वाले शिड्यूल्ड ड्रग ही दुकान में बेचे जाने चाहिए
झारखंड अौषधि निदेशालय के आंकड़े
30 ड्रग इंस्पेक्टर की कुल संख्या
04 लाइसेंसिग अथॉरिटी की कुल संख्या
16,878 निबंधित फर्म (खुदरा व थोक)
468 प्रति ड्रग इंस्पेक्टर फर्म या दुकानों की संख्या
133 अौसत निरीक्षण हर माह होनेवाला
187 ड्रग लाइसेंस सस्पेंड किये गये दुकानों की छह माह में
06 लाइसेंस रद्द हुआ दुकानों का छह माह में
(सभी रांची के)
क्या कहा है स्वास्थ्य मंत्री ने
राज्य के ड्रग इंस्पेक्टर दवा दुकानाें से सालाना पैसे वसूल रहे हैं. इसकी शिकायतें मिल रही है. अब एेसा नहीं चलेगा. दवा दुकानाें काे चरागाह नहीं बनने देंगे. दवा दुकानदार बिना डाॅक्टर की पर्ची के दवा न बेचें. कोई नशीली दवा भी नहीं बेचें. दवा दुकानदाराें के लिए जाे मापदंड निर्धारित है, उसका पालन हाे.
बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री झारखंड

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