30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : पांच करोड़ रुपये की लागत से बना ट्रैक किसी काम का नहीं, खेल विभाग ने हैंडओवर लेने से किया इनकार

रांची : रांची में पिछले छह महीने से दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल संसाधन बनकर तैयार हैं, लेकिन खेल विभाग ने दोनों का हैंडओवर लेने से इनकार कर दिया. इस कारण दोनों संसाधन सवालों के घेरे में हैं. इन संसाधनों में एक है बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम का एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक, जिसे पांच करोड़ की […]

रांची : रांची में पिछले छह महीने से दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल संसाधन बनकर तैयार हैं, लेकिन खेल विभाग ने दोनों का हैंडओवर लेने से इनकार कर दिया.
इस कारण दोनों संसाधन सवालों के घेरे में हैं. इन संसाधनों में एक है बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम का एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक, जिसे पांच करोड़ की लागत से बनाया गया और दूसरी हॉकी की नर्सरी है, जहां सात करोड़ की लागत से एस्ट्रोटर्फ लगाया गया है. एथलेटिक्स ट्रैक की जांच के लिए खेल विभाग ने एक कमेटी बनायी है, जिसने ट्रैक का काम करनेवाले वेंडर को इसकी कई कमियों से संबंधित नोटिस भी जारी किया है.
मानक के अनुरूप नहीं लगा सिंथेटिक ट्रैक : बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में वर्ष 2017 में जिला प्रशाासन की देखरेख में इंटरनेशनल सिंथेटिक ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया गया. उस समय ट्रैक को ब्रिटिश सर्वेयर का सर्टिफिकेट भी मिल गया था, जबकि ट्रैक के सर्वे के लिए सीके वाल्सन (एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव) ही पूरी दुनिया में एकमात्र अधिकृत व्यक्ति हैं.
इसके बाद मार्च 2019 में इसका उद्घाटन तत्कालीन खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी ने किया था. इसके बाद भी खेल विभाग ने अभी तक इसे हैंडओवर नहीं लिया है. कारण है इसको तैयार करने में एथलेटिक्स के मानकों को ध्यान में नहीं रखना. खेल विभाग की ओर से इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए बनायी गयी कमेटी ने इसमें कई कमियां निकाली हैं. वहीं इसे तैयार करनेवाला वेंडर इसे मानने को तैयार नहीं है. स्थिति यह है कि इस ट्रैक पर अब किसी भी तरह का नेशनल और इंटरनेशनल आयोजन नहीं कराया जा सकता है.
खेल विभाग ने हैंडओवर लेने से किया इनकार
ये हैं एथलेटिक्स ट्रैक में कमियां
एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के लिए सिंथेटिक ट्रैक की मोटाई 20 से 25 एमएम होनी चाहिए, लेकिन इसकी मोटाई 10 से 12 एमएम है.
ट्रैक पर लगाया गया रबर उखड़ने लगा है
स्टार्ट और फिनिश लाइन के पास कोई फोटो फिनिश कैमरे के लिए जंक्शन नहीं लगाया गया है
स्टीपलचेज वाटर जंप के लिए सिर्फ दो हर्डल (76.2 सेमी व 91.4 सेमी) बनाये गये हैं, जबकि एक और हर्डल 0.84 सेमी का होना चाहिए
स्टीपलचेज के लिए पांच मीटर और चार मीटर के और चार हर्डल लगाया जाना चाहिए
ट्रैक पर बनी मार्किंग ब्रेक लाइन में सुधार की जरूरत है
किसी भी इवेंट (100 मीटर, 110, 200, 400, चार गुणा 100 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर) के लिए स्टार्ट प्वाइंट नहीं बनाया गया है.
मैदान में ड्रेन लेवल सही नहीं है
क्या कहता है खेल विभाग
विभाग ने बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में बिछाये गये सिंथेटिक ट्रैक को हैंडओवर नहीं लिया है. इसकी क्वालिटी की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी है. रिपोर्ट हमें मिल गयी है. इसके बारे में कंपनी को बता दिया गया है. वहीं एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड काे फिर से दुरुस्त किया गया है. कुछ दिन बाद उसे हैंडओवर लिया जायेगा.
अनिल कुमार सिंह, खेल निदेशक, झारखंड सरकार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें