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रांची : अब तक 5537 आंदोलनकारी चिह्नित

रांची : झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण अायोग का कार्यकाल नौ फरवरी को समाप्त हो गया. हालांकि शनिवार व फिर रविवार होने के कारण शुक्रवार को ही आयोग का अंतिम कार्य दिवस रहा. रिटायर्ड जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता वाले अायोग ने अब तक 4065 आंदोलनकारियों को चिह्नित कर उनके नाम की संपुष्टि की है. वहीं 1472 […]

रांची : झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण अायोग का कार्यकाल नौ फरवरी को समाप्त हो गया. हालांकि शनिवार व फिर रविवार होने के कारण शुक्रवार को ही आयोग का अंतिम कार्य दिवस रहा. रिटायर्ड जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता वाले अायोग ने अब तक 4065 आंदोलनकारियों को चिह्नित कर उनके नाम की संपुष्टि की है. वहीं 1472 नाम अौपबंधिक रूप से चिह्नित हुए हैं.
इनमें अायोग के अंतिम अवधि विस्तार (छह माह) के दौरान चिह्नित 501 लोगों की अौपबंधिक सूची भी शामिल है. सूची प्रकाशन के बाद इन आंदोलनकारियों के नाम भी संपुष्ट हो जायेंगे. इस तरह चिह्नित व संपुष्ट आंदोलनकारियों की संख्या 5537 हो जायेगी. गौरतलब है कि मई 2012 में गठन से लेकर 2016 में हुए पुनर्गठन व विभिन्न अवधि विस्तार के दौरान अब तक खुद को आंदोलनकारी मानने वाले कुल 50419 लोगों ने अायोग को आवेदन दिये थे. इनमें से सभी जरूरी कागजात उपलब्ध रहने वाले 34624 आवेदन की जांच अायोग ने कर ली. वहीं अांदोलनकारी होने का उचित प्रमाण न होने सहित अन्य कारणों से 15795 अावेदन लंबित रखे गये हैं.
मिलती है पेंशन : झारखंड आंदोलन के दौरान जेल जानेवाले आंदोलनकारियों को सरकार पेंशन देती है. छह माह या कम समय तक जेल में रहे लोगों को तीन हजार तथा इससे अधिक समय तक जेल में रहे लोगों को पांच हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने का प्रावधान है. हालांकि अायोग के अध्यक्ष जस्टिस विक्रमादित्य ने अपनी पहल पर अन्य केटेगरी (गीतकार, लेखक व अन्य) के लोगों को भी बतौर आंदोलनकारी चिह्नित किया है. ऐसे लोगों को प्रशस्ति पत्र दिया जाना है. इन्हें पेंशन नहीं मिलेगा.

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