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रांची में 1.95 लाख घर, रेन वाटर हार्वेस्टिंग मात्र 24 हजार में
रांची : रांची नगर निगम क्षेत्र में कुल 1.95 लाख मकान हैं. इनमें से मात्र 24 हजार भवन ही ऐसे हैं, जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है. बाकी के 1.71 लाख भवनों द्वारा केवल भूगर्भ जल का दोहन किया जाता है. बदले में धरती को रिचार्ज करने के लिए कोई कदम नहीं […]
रांची : रांची नगर निगम क्षेत्र में कुल 1.95 लाख मकान हैं. इनमें से मात्र 24 हजार भवन ही ऐसे हैं, जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है. बाकी के 1.71 लाख भवनों द्वारा केवल भूगर्भ जल का दोहन किया जाता है. बदले में धरती को रिचार्ज करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. नतीजा शहर में साल दर साल जल संकट और गंभीर होता जा रहा है. अब फिर गर्मी आने को है और एक बार फिर पूरा शहर पानी के लिए हाहाकार करेगा. हर साल यही होता है. गर्मी आते ही जल स्रोत सूखने लगते हैं और लोग सरकार और प्रशासन को कोसने में लग जाते हैं, पर अपनी जिम्मेवारी भूल जाते हैं.
ऐसे में क्यों नहीं होगी गर्मी में पेयजल की किल्लत
डेढ़ गुना टैक्स दे रहे, पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण नहीं हो रहा
वर्ष 2016 में नगर निगम द्वारा यह प्रावधान किया गया था कि 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के जो भी भवन होंगे, उनमें अगर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं होगी, तो उनसे डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स की वसूली की जायेगी. निगम के इस नियम के तहत ऐसे भवन मालिक डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स का भुगतान तो कर रहे हैं, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग के निर्माण में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. दूसरी ओर नगर निगम की ओर से भी यह जांच नहीं की जा रही है कि किन घरों में वाटर हार्वेस्टिंग लगा है.
50 करोड़ रुपये पहुंचा शहर में होल्डिंग टैक्स कलेक्शन
नये नियम के लागू होने के बाद रांची नगर निगम द्वारा शहरवासियों से होल्डिंग टैक्स के मद में 50 करोड़ से अधिक की राशि की वसूली कर ली गयी. इसके बाद भी धरती का भूगर्भ जल कैसे रिचार्ज हो, इस पर कोई ठोस कदम निगम अब तक नहीं उठाया गया है. ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि नियमों की आड़ में निगम राजस्व की वसूली तो कर लेगा, लेकिन दिनों-दिन गिरते जलस्तर को कैसे दुरुस्त किया जायेगा, इसकी चिंता किसी को नहीं है. इसके अलावा नगर निगम की ओर से जल संरक्षण के अन्य उपाय भी नहीं किये जाते हैं.
350 से अधिक जगहों पर टैंकर से पानी का वितरण
जल संकट का आलम पिछले दो साल गर्मी में ऐसा था कि नगर निगम को प्रतिदिन 350 से अधिक जगहों पर टैंकर से पानी का वितरण करना पड़ा था. पानी को लेकर मधुकम, गंगा नगर, यमुना नगर, किशोरगंज सहित हरमू के कई इलाकों में चाकूबाजी सहित मारपीट की भी कई घटनाएं हुई थीं.
इस बार फिर पिछले साल जैसा होगा हाल
इस बार भी जल संचय के प्रति लोगों ने कोई जागरूकता नहीं दिखायी. गर्मी आने को है और फिर पानी की कमी का रोना शुरू हो जायेगा. गर्मी के बाद अभी बरसात आने में पांच माह की देर है. अगर इस बचे हुए समय में शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का काम युद्ध स्तर पर हुआ, तो शायद अगले साल बरसात में धरती का भूगर्भ जल रिचार्ज हो. अन्यथा दिन-प्रतिदिन संकट और विकराल होता जायेगा.
वार्डवार कैंप लगा कर लोगों को करेंगे जागरूक
जल संकट को दूर करने के लिए रांची नगर निगम गंभीर है. हमने यह प्रावधान भी किया है कि जिनके घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं है, उनसे डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स वसूला जाये. लेकिन इसके बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं, तो इसके लिए अब निगम वार्ड वार कैंप लगायेगा. कैंप लगाकर लोगों से अपील की जायेगी कि वे अधिक से अधिक संख्या में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करायें. आशा लकड़ा, मेयर
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