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महिला सुरक्षा संबंधी कानूनों का सख्ती से हो पालन

लोकसभा में उठी मांगबच्चों पर हो रहे अत्याचार पर जतायी चिंता एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन अपराध एवं बच्चों पर अत्याचार की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए लोकसभा में शुक्रवार को सदस्यों ने कानून का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने, स्कूलों में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने एवं […]

लोकसभा में उठी मांगबच्चों पर हो रहे अत्याचार पर जतायी चिंता एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन अपराध एवं बच्चों पर अत्याचार की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए लोकसभा में शुक्रवार को सदस्यों ने कानून का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने, स्कूलों में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने एवं समाज में जागरूकता फैलाने की पहल करने को कहा है. माकपा के पी करुणाकरण की पहल पर देश में महिलाओं और बच्चों पर बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता पर बुधवार से जारी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए तृणमूल कांग्रेस की रत्ना डे ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बच्चों एवं महिलाओं के खिलाफ अत्याचार एवं यौन उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों के संबंध में कानून हैं, लेकिन जरूरत इस बात की है कि इनका सख्ती से अनुपालन किया जाये एवं निगरानी के लिए एक तंत्र बनाया जाये.समानता का दर्जा मिले : पूनम महाजनभाजपा की पूनम महाजन ने कहा कि स्त्री जननी है और उसके कई रूप हैं. स्त्री से हमेशा अपेक्षा का भाव रहता है, लेकिन आज उनकी उपेक्षा हो रही है. बजट में काफी प्रावधन किये गये हैं, लेकिन आज महिलाओं को समानता का दर्जा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए गठित राष्ट्रीय महिला आयोग सक्ष्म संस्थान नहीं है, उसके पास अधिकार काफी कम है. आयोग में दो लाख मामले लंबित हैं. ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय महिला आयोग को एनएचआरसी की तरह सशक्त बनाया जाये और सरकार इसके बारे में जल्द कानून बनाये. शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चांदूमाजरा ने कहा कि कानून उनके लिए होते हैं जो कानून मानते हैं. जो कानून नहीं मानते हैं, उन पर लगाम लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाठशालाओं में नैतिक मूल्यों की पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की जरूरत है. महिलाओं के प्रति समाज को अपने नजरिये में बदलाव लाने की जरूरत है.जम्मू-कश्मीर का भी मामला उठाभाजपा की अंजु बाला ने कहा कि उनका जन्म जम्मू कश्मीर राज्य में हुआ और विवाह उत्तरप्रदेश में, लेकिन विवाह के बाद जम्मू कश्मीर से उनका अधिकार खत्म हो गया. महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाना जरूरी है. आइयूएमएल के इटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि देश में दहेज मौत, दलित महिलाओं का उत्पीड़न, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कानून का सख्ती से पालन करने की मांग की. इनेलोद के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के ममलों में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज की गयी है, बलात्कार के मामले बढ़े हैं, बच्चों की तस्करी की जा रही है.भाजपा की सध्वी सावित्री फुले ने कहा कि सरकार बनाने में महिलाओं की बराबर की भागीदारी होती है, लेकिन जब अधिकार देने की बात आती है तब उनके साथ भेदभाव किया जाता है. उन्होंने उत्तरप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रदेश सरकार को बरखास्त करने की मांग की.

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