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इटकी : एलिस एक्का पर और शोध की जरूरत : डॉ मिंज

इटकी : देश की पहली आदिवासी महिला साहित्यकार स्व एलिस एक्का पर अभी और शोध की जरूरत है. झारखंड में जन्मी, पली व पढ़ी एलिस एक्का विलक्षण प्रतिभा की महिला थीं. यह बातें रांची विवि के कुलानुशासक डॉ दिवाकर मिंज ने कही. वे अल कौसर गर्ल्स हाइस्कूल प्रांगण में ग्रीन फाउंडेशन के तत्वावधान में एलिस […]

इटकी : देश की पहली आदिवासी महिला साहित्यकार स्व एलिस एक्का पर अभी और शोध की जरूरत है. झारखंड में जन्मी, पली व पढ़ी एलिस एक्का विलक्षण प्रतिभा की महिला थीं.
यह बातें रांची विवि के कुलानुशासक डॉ दिवाकर मिंज ने कही. वे अल कौसर गर्ल्स हाइस्कूल प्रांगण में ग्रीन फाउंडेशन के तत्वावधान में एलिस एक्का की जीवनी व कार्यों विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण करनेवाली एलिस एक्का ने हिंदी में कई चर्चित कहानियां लिखीं. उनकी जीवनी व कार्यों से संबंधित तथ्य राज्य में उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की जरूरत है. सेमिनार में जिप सदस्य लाल रामेश्वर नाथ शाहदेव, बिनोद कुमार सिन्हा सहित अन्य ने भी विचार रखे. डॉ मजहर परवेज इमाम ने विषय प्रवेश कराया. इस दौरान क्षेत्र के पांच लोगों ने स्व एक्का की जीवनी व कार्यों पर आधारित शोध पत्र प्रस्तुत किया.
इनमें संत एग्नेस बामवि इटकी की प्रधानाध्यापिका सीमा मिंज के अलावा डॉ आयशा रहमान, जुबैर अहमद, सजमा सरबत, फरहीन बेगम मो आसिफ शामिल हैं. मौके पर आरिफ निजाम, साहब हमजा, खालिद कलीम, हाजी खुर्शीद, हाशिम अंसारी, मुर्शीद आलम, असलम जमाल, मंजर आलम, हलीमा बानो, बेबी तबस्सुम, मौलाना अयूब, वहाब हमजा, सलेहा परवीन व अन्य उपस्थित थे.

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