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रांची : अब असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति वीसी की अगुवाई में कमेटी करेगी

संजीव सिंह यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने केंद्र सरकार को सौंपा प्रस्ताव रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में अब असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक प्राध्यापक) की नियुक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा गठित सेलेक्शन कमेटी द्वारा होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के विशेषज्ञ समिति ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा है. यूजीसी के […]

संजीव सिंह
यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने केंद्र सरकार को सौंपा प्रस्ताव
रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में अब असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक प्राध्यापक) की नियुक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा गठित सेलेक्शन कमेटी द्वारा होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के विशेषज्ञ समिति ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा है. यूजीसी के इस 2020 रेगुलेशन की स्वीकृति मिलने पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए झारखंड सरकार को फिर से विश्वविद्यालय परिनियम में बदलाव करना होगा.
मौजूदा समय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का जिम्मा झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पास है. नये रेगुलेशन प्रस्ताव में इस कमेटी में एक शिक्षाविद राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य होंगे. इसके अलावा कुलपति द्वारा मनोनीत तीन विषय विशेषज्ञ, संबंधित फैकल्टी के डीन, विभाग के अध्यक्ष, एससी/एसटी/अोबीसी/महिला आदि कैटेगरी से एक शिक्षाविद होंगे.
प्रस्ताव स्वीकृत होने पर झारखंड में विवि एक्ट में करना होगा बदलाव
असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास पीएचडी की डिग्री होना आवश्यक है. नये रेगुलेशन के अनुसार, 2021 से विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी डिग्री आवश्यक होगा. अगर उम्मीदवार नेट उत्तीर्ण नहीं हैं, तो वैसे विवि की पीएचडी की डिग्री मान्य होगी, जिनकी विश्वस्तरीय रैंकिंग 500 के अंदर हो. अगर इन विवि से पीएचडी की डिग्री नहीं है, तो उन्हें अन्य विवि से पीएचडी के साथ नेट में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा.
असिस्टेंट प्रोफेसर को एक सप्ताह में कम से कम 40 घंटे ड्यूटी करनी होगी. 30 वर्किंग सप्ताह यानी 180 दिन का एकेडमिक इयर होगा.
हर शिक्षक को प्रतिदिन कम से कम सात घंटे विवि/कॉलेज में उपस्थित रहना होगा. इसमें दो घंटे विद्यार्थियों के साथ मेंटर के रूप में स्नातक स्तर पर (15 विद्यार्थियों के साथ एक को-अॉर्डिनेटर) कम्युनिटी डेवलपमेंट/एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी/लाइब्रेरी कंसलटेशन आदि में समय देना होगा. स्नातकोत्तर स्तर पर कम से कम दो घंटे रिसर्च वर्क में देना होगा.
असिस्टेंट प्रोफेसर को एक सप्ताह में कम के कम 16 घंटे का शैक्षणिक कार्य अनिवार्य होगा. इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के लिए 14 घंटे अनिवार्य होगा. नये रेगुलेशन में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पीएचडी कोर्स बंद कर दिया जायेगा. पार्ट टाइम पीएचडी का प्रावधान रखा गया है.
लेकिन कोर्स वर्क करना अनिवार्य होगा. वैसे उम्मीदवार जो 2009 से पहले पीएचडी डिग्री उपाधि ले चुके हैं, उन्हें नेट/सेट/स्लेट से मुक्त रखा गया है. वैसे उम्मीदवार जिनकी एमफिल की थिसिस का मूल्यांकन कार्य अौर वाइवा लंबित है, तो वे पीएचडी कोर्स में उसी संस्थान में नामांकन ले सकते हैं. नये नियुक्त शिक्षकों का वेतनमान सातवें वेतनमान के अनुरूप होगा.
इन छुट्टियों का मिलेगा लाभ : असिस्टेंट प्रोफेसर को मुख्य रूप से ड्यूटी लीव, मेडिकल लीव, स्टडी लीव, कैजुअल लीव, स्पेशल कैजुअल लीव, अर्न लीव, हाफ पे लीव, कम्युटेड लीव, एक्स्ट्राअॉर्डिनरी लीव, लीव नॉट ड्यू, मैटेर्निटी लीव, चाइल्ड केयर लीव, पेटेरनिटी लीव, एडॉप्शन लीव का प्रावधान रहेगा.

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