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रांची : डोरंडा दुष्कर्म व हत्या मामले में एक माह में चार्जशीट
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को डोरंडा में वर्ष 2013 में छह वर्षीय मासूम से दुष्कर्म व हत्या मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सात वर्षों से चल अनुसंधान के पूरा नहीं होने पर […]
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को डोरंडा में वर्ष 2013 में छह वर्षीय मासूम से दुष्कर्म व हत्या मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सात वर्षों से चल अनुसंधान के पूरा नहीं होने पर नाराजगी जतायी.
कहा कि लगभग सात वर्ष बाद भी अनुसंधान पूरा नहीं हुआ है. त्वरित जांच व ट्रायल शुरू कर शीघ्रता से मामला निष्पादित किया जाना चाहिए था, लेकिन यह कौन सा रहस्यमय केस है, जिसका अनुसंधान पुलिस पूरा नहीं कर पा रही है. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनोज टंडन ने बताया कि अनुसंधान लगभग पूरो होने की स्थिति में है. महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. चार सप्ताह के अंदर चार्जशीट दायर कर दी जायेगी.
इससे पूर्व खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए महिलाअों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया. कहा कि महिला हेल्पलाइन नंबर व शक्ति एेप का मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि इसके बारे में लोग जान सकें. यह भी कहा कि दुष्कर्म से संबंधित कितने ऐसे मामले हैं, जिसमें प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच पूरी नहीं हो पायी है. कोर्ट एेसे मामलों को देख रहा है. खंडपीठ ने एनएचएआइ से पूछा कि झारखंड में एनएच पर कहां-कहां सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. वहीं सरकार से भी पूछा कि स्टेट हाइवे पर अपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने की क्या योजना है.
एनएचएआइ व सरकार को अगली सुनवाई के दाैरान अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. सुनवाई के दाैरान मुख्य सचिव डीके तिवारी, कल्याण सचिव व सीआइडी आइजी सशरीर उपस्थित थे.
मुख्य सचिव ने खंडपीठ को बताया कि निर्भया फंड की राशि के उपयोग में किसी प्रकार की अड़चन नहीं है. नौ जनवरी 2020 को उनकी अध्यक्षता में बैठक हुई थी. उसमें महिला, बाल विकास व सामाजिक कल्याण विभाग को नोडल एजेंसी बनाने का निर्णय लिया गया. नोडल एजेंसी विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित कर निर्भया फंड की उपलब्धता, खर्च व मांग के विषय पर कार्रवाई करेगी. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखा.
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