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झाविमो-आजसू का हो सकता है गंठबंधन, बढ़ा रहे कदम

पार्टियों से निकल रहा है कांटा, रास्ते निकालने में जुटे नेताब्यूरो प्रमुख , रांची विधानसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में कई नये रंग चढ़ेंगे. बदलती राजनीतिक परिस्थिति के बीच झाविमो-आजसू के बीच गंठबंधन की जमीन तैयार हो रही है. भाजपा ने झाविमो के विधायकों-दावेदारों को अपने पाला में कर राजनीति परिदृश्य को बदल दिया […]

पार्टियों से निकल रहा है कांटा, रास्ते निकालने में जुटे नेताब्यूरो प्रमुख , रांची विधानसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में कई नये रंग चढ़ेंगे. बदलती राजनीतिक परिस्थिति के बीच झाविमो-आजसू के बीच गंठबंधन की जमीन तैयार हो रही है. भाजपा ने झाविमो के विधायकों-दावेदारों को अपने पाला में कर राजनीति परिदृश्य को बदल दिया है. झाविमो-आजसू की बात भी बढ़ी है. झाविमो और आजसू के नेताओं ने संपर्क भी साधा है. दोनों ही पार्टियां आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ साथ आ कर मोरचा बंदी कर सकते हैं. भाजपा के खिलाफ विकल्प के तौर पर अपने गंठबंधन को सामने लाने की रणनीति है. इन दोनों पार्टियों में गंठबंधन हुआ, तो उधर यूपीए गंठबंधन के सामने भी चुनौती होगी. झाविमो-आजसू के बीच सीट बंटवारे का कांटा भी निकल एक-एक कर निकल रहा है. झाविमो-आजसू के बीच जिन सीटों को लेकर जिच हो सकता था, उन सीटों पर परिस्थितियां बदली है. कई नेताओं ने पाला बदला है. गंठबंधन के रास्ते आसान बन रहे हैं. आजसू की निगाहें भाजपा पर, नहीं बन रही बातआजसू भाजपा के साथ गंठबंधन के लिए इच्छुक है. लेकिन इधर भाजपा आजसू के सीटों पर मजबूत दावेदार खोज रही है. सूत्रोें से मिली खबर के अनुसार सुदेश कुमार महतो की बात भाजपा नेतृत्व से होनी है. एक -दो दिनों के अंदर भाजपा-आजसू का मामला साफ हो जायेगा. उसके बाद ही आजसू अपना पत्ता खोलेगी.इन सीटों पर झाविमो के साथ फंसा था कांटासिल्ली : सिल्ली में सुदेश कुमार महतो के खिलाफ अमित महतो चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. अमित महतो ने पिछला चुनाव झाविमो के टिकट पर लड़ा था. अमित अब भाजपा में हैं. सिल्ली अब गंठबंधन में परेशानी का कारण नहीं बनेगा.हटिया : हटिया से आजसू के नवीन जायसवाल विधायक हैं. उधर झाविमो के अजय नाथ शाहदेव को लेकर उलझन थी. श्री शाहदेव के भाजपा जाने से गंठबंधन का पेंच फंसते-फंसते सुलझ गया.चंदन क्यारी : चंदन क्यारी से समरेश सिंह के नजदीकी अमर बाउरी झाविमो के उम्मीदवारी का दावा कर रहे थे. पिछला चुनाव भी लड़ा था. लेकिन अब खुद समरेश सिंह भाजपा में चले गये हैं.जुगसलाई : यहां से आजसू के रामचंद्र सइस विधायक हैं. दूसरी तरफ दुलाल भुइयां झाविमो से ताल ठोंक रहे हैं. चर्चा है कि दुलाल भी दूसरा रास्ता तलाश रहे हैं. दुलाल को लेकर भ्रम की स्थिति है.लोहरदगा : कोई टकराहट नहीं है. यहां झाविमो दावा नहीं ठोक सकता है.रामगढ़ : यहां भी झाविमो का कोई मजबूत दावेदार नहीं है.क्या कहते हैं नेताअभी पार्टी फोरम में इस गंठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई है. यह जरूर है कि गंठबंधन को लेकर पार्टी पहले की तरह कठोर नहीं है. कार्यसमिति की बैठक में कई लोगों की राय आयी है कि पार्टी गंठबंधन को लेकर लचीला रुख रखे. गंठबंधन के लिए दरवाजे खोलने की बात हो रही है. हम ऐसे गंठबंधन पर विचार कर रहे हैं, जो जनता को मजबूत विकल्प दे. जिन सीटों पर हम कमजोर हैं, वहां हम सीट साझा कर सकते हैं.- प्रदीप यादव, झाविमो विधायक दल के नेताइस गंठबंधन को लेकर पार्टी के अंदर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है. लेकिन राजनीति में संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. हम किसी भी चीज को खारिज नहीं कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल इस गंठबंधन को लेकर आधार तैयार नहीं हुआ है. -डॉ देवशरण भगत, आजसू पार्टी के प्रवक्ता.

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