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जमीन बेच कर 5709 करोड़ रुपये जुटा सकता है एचइसी
प्रबंधन ने कराया सर्वे, एचइसी के पास कुल 1038 एकड़ जमीन है रांची : एचइसी के पास 1038 एकड़ जमीन है. यह जानकारी सर्वे रिपोर्ट से मिली है. एचइसी प्रबंधन जल्द ही भारी उद्योग मंत्रालय को जमीन बेचने का प्रस्ताव देगा. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग के बिना भी […]
प्रबंधन ने कराया सर्वे, एचइसी के पास कुल 1038 एकड़ जमीन है
रांची : एचइसी के पास 1038 एकड़ जमीन है. यह जानकारी सर्वे रिपोर्ट से मिली है. एचइसी प्रबंधन जल्द ही भारी उद्योग मंत्रालय को जमीन बेचने का प्रस्ताव देगा.
एचइसी के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग के बिना भी एचइसी अपनी जमीन को बेच कर पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि की व्यवस्था कर सकता है. हालांकि इसके लिए एचइसी को केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी है. बिना अनुमति के एचइसी जमीन नहीं बेच सकता है.
मालूम हो कि वर्ष 2011 में केंद्रीय कैबिनेट ने पीएसयू को अपने स्तर से जमीन बेचने पर रोक लगायी थी. उक्त जमीन को एचइसी प्रति एकड़ साढ़े पांच करोड़ रुपये के हिसाब से आसानी से विभिन्न संस्थानों को बेच सकता है.
इससे एचइसी को करीब 5709 करोड़ मिलेंगे. अधिकारी ने बताया कि हालांकि एचइसी को इतनी बड़ी राशि की जरूरत नहीं है, क्योंकि एचइसी प्रबंधन ने कंपनी के आधुनिकीकरण के लिए 1270 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया है. इसके अलावा कंपनी पर करीब 450 रुपये की देनदारी एवं कार्यशील पूंजी के मद में 100 करोड़ रुपये की जरूरत है. एचइसी के पास जो जमीन है, वह एफएफपी प्लांट के पीछे एवं सीटीओ के दोनों तरफ है.
मालूम हो कि वर्ष 2017 में आरआरडीए ने भी सीटीओ के पास एचइसी की खाली जमीन पर टाउनशिप बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसमें एचइसी को भी शेयर देने की बात कही गयी थी. वर्तमान में कई संस्थानों ने एचइसी को जमीन लेने का प्रस्ताव दिया है. करीब 80 एकड़ जमीन का प्रस्ताव एचइसी के पास है. इसमें से कई प्रस्ताव को कंपनी के निदेशक मंडल ने मंजूरी दे दी है. अब भारी उद्योग मंत्रालय से मंजूरी की आवश्यकता है. सरकार चाहे तो एचइसी को जमीन बेचने की अनुमति देकर मदद कर सकती है. ऐसे में सरकार को अपने स्तर से कोई आर्थिक मदद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और एचइसी की मशीनों का आधुनिकीकरण भी हो जायेगा. एचइसी की मशीनें पुरानी होने के कारण गुणवत्ता में कमी के साथ-साथ उत्पादन खर्च भी अधिक हो रहा है. इसलिए प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में मशीनाें का आधुनिकीकरण जरूरी है.
वेतन पुनरीक्षण का कोई विकल्प नहीं है : राणा
रांची : हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक सोमवार को यूनियन कार्यालय में हुई. बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन के महमंत्री राणा संग्राम सिंह ने कहा कि वेतन पुनरीक्षण का कोई विकल्प नहीं है. बढ़ती महंगाई को लेकर वेतन पुनरीक्षण जरूरी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से ही कामगारों का वेतन पुनरीक्षण लंबित है, लेकिन इस पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है
वहीं भारी उद्योग मंत्री के पास समय नहीं है कि वे एचइसी के पुनरुद्धार एवं वेतन पुनरीक्षण पर ध्यान दें. ऐसे में सरकार का ध्यान खींचने के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत है. इसके लिए एकजुटता जरूरी है. इसको लेकर 18 जनवरी को शाम पांच बजे कार्यकारिणी की बैठक बुलायी गयी है. उसमें वेतन पुनरीक्षण पर विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति तय की जायेगी. बैठक में इंगूर लाल, लीलाधर सिंह, अवधेश सिंह, गिरीश चौहान, कमलेश सिंह, नदीम अंसारी आदि मौजूद थे.
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