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Friday, March 29, 2024

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बच्चों को क्या बतायेंगे, शिक्षकों को ही पता नहीं

रांची : राज्य के सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा पठन-पाठन को लेकर चलाये जानेवाले कार्यक्रमों की भी जानकारी नहीं है. इन कार्यक्रमों में ज्ञानसेतु एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत नवंबर 2018 में की गयी थी. कार्यक्रम को लेकर आये दिन विभाग द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी किया जाता है. इसके बावजूद हालत […]

रांची : राज्य के सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा पठन-पाठन को लेकर चलाये जानेवाले कार्यक्रमों की भी जानकारी नहीं है. इन कार्यक्रमों में ज्ञानसेतु एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत नवंबर 2018 में की गयी थी. कार्यक्रम को लेकर आये दिन विभाग द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी किया जाता है. इसके बावजूद हालत यह है कि राजधानी के ही जिला स्कूल के शिक्षकों को भी इसकी जानकारी नहीं है. ऐसे में अन्य स्कूलों का क्या हाल होगा समझा जा सकता है.

झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक उमाशंकर सिंह शुक्रवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने जिला स्कूल पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद उन्होंने स्कूल के प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षकों से बात की. शिक्षकों से झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा संचालित ज्ञानसेतु कार्यक्रम में बारे में पूछा.
अधिकतर शिक्षकों को ज्ञानसेतु के बारे में पता ही नहीं था. एक-दो शिक्षकों ने आधी-अधूरी जानकारी दी. निदेशक ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक से स्कूल सर्टिफिकेशन के बारे में पूछा. प्रधानाध्यापक को स्कूल सर्टिफिकेशन के बारे में पता नहीं था.
निदेशक इससे काफी नाराज हुए. उन्होंने कहा : जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक को ही विभाग द्वारा चलाये जानेवाले कार्यक्रम की जानकारी नहीं है, तो इसका लाभ बच्चों को कैसे मिलेगा? निदेशक ने विद्यालय से ही रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी को फोन किया. कहा कि विद्यालय की स्थिति पर पहले भी रिपोर्ट मांगी गयी थी, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गयी. निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मामले को लेकर नाराजगी जतायी.
अवर सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी : जिला स्कूल में पठन-पाठन व सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की स्थिति की जांच के लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की अवर सचिव गरिमा सिंह की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है.
यह कमेटी विद्यालय में ज्ञानसेतु कार्यक्रम के संचालन की स्थिति, बच्चों के लर्निंग लेवल, विद्यालय सर्टिफिकेशन को लेकर किये गये प्रयास, ई-विद्यावाहिनी में शिक्षकों व विद्यार्थियों के डाटा अपग्रेडेशन और बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच करेगी. कमेटी से एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है.
अति महत्वाकांक्षी योजना ज्ञानसेतु की जिला स्कूल के शिक्षकों को भी जानकारी नहीं
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जांच के लिए बनायी सात सदस्यीय कमेटी
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने बंद कमरे में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों से की बात
प्रधानाध्यापक से विद्यालय सर्टिफिकेशन के बारे में पूछा, लेकिन वे नहीं बात पाये
निदेशक ने विद्यालय से ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को किया फोन, जतायी नाराजगी
क्या है ज्ञान सेतु कार्यक्रम
बच्चों का शैक्षणिक स्तर बढ़ाने के लिए वर्ष 2018 से राज्य के विद्यालयों में ज्ञानसेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें वैसे बच्चों को चिह्नित किया जाता है, जिनका शैक्षणिक स्तर संबंधित कक्षा के अनुरूप नहीं होता. ऐसे बच्चों को चिह्नित कर उनका शैक्षणिक स्तर उस कक्षा के अनुरूप बनाया जाता है.
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