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भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित

बाजार. दुनिया के विकसित देशों में गिरावट का दौरएजेंसियां, मुंबईयूरोपीय बाजारों में भारी गिरावट, ब्रिटेन का एफटीएसइ 100 इंडेक्स में 0.20 फीसदी गिरावट, फ्रांस का सीएसी 40 इंडेक्स में 0.39 फीसदी की कमजोरी, जर्मनी का डीएएक्स इंडेक्स पर 0.49 फीसदी के दबाव के चलते भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था पर भी दबाव बनता जा रहा है. […]

बाजार. दुनिया के विकसित देशों में गिरावट का दौरएजेंसियां, मुंबईयूरोपीय बाजारों में भारी गिरावट, ब्रिटेन का एफटीएसइ 100 इंडेक्स में 0.20 फीसदी गिरावट, फ्रांस का सीएसी 40 इंडेक्स में 0.39 फीसदी की कमजोरी, जर्मनी का डीएएक्स इंडेक्स पर 0.49 फीसदी के दबाव के चलते भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था पर भी दबाव बनता जा रहा है. यूरोपीय बाजार समेत दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बन रहे दबाव को अर्जेंटीना संकट, रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ रहे तनाव, इराक संकट और पेट्रोलियम पदार्थ उत्पादक देशों में चल रहे संघर्ष और संकट से जोड़ कर देखा जा रहा है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि यदि पेट्रोलियम उत्पादक देशों समेत यूरोप, रूस और अमेरिकी संकट समेत दुनिया के विकसित देशों की अर्थव्यवस्था की गिरती साख इसी तरह बरकरार रही, तो एशियाई देशों समेत दुनिया के विकासशील और अविकसित देशों की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान होने की आशंका जतायी जा रही है. बॉक्स आइटमआरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन की चेतावनीआरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने चेतावनी दी है कि दुनियाभर के बाजार बड़ी गिरावट के मुहाने पर खड़े हैं. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा है कि विकिसत देशों की खराब मॉनिटरी पॉलिसी की वजह से इतने बड़े पैमाने पर खराब एसेट तैयार हो गये हैं कि अब अर्थव्यवस्था में एक बार फिर बड़ी गिरावट का खतरा मंडरा रहा है. रघुराम राजन ने पहले भी चेतावनी दी थी कि धनी देशों की नीतियों की वजह से जोखिम वाले एसेट तैयार हो रहे हैं. उन्होंने मौजूदा स्थिति की तुलना 1930 के ग्रेट डिप्रेशन से की है. रघुराम राजन का मानना है कि ये खतरा उस वक्त आ रहा है, जब दुनिया की अर्थव्यवस्था में इसको सहने की ज्यादा ताकत नहीं बची है. उनके मुताबिक, उन्हें इस बात की चिंता है कि अगर निवेशकों ने भारी बिकवाली शुरू की, तो दुनिया के बाजार गिरेंगे और इमिर्जंग देशों पर भी इसका बुरा असर होगा. बॉक्स आइटमबाजार में गिरावट, सेंसेक्स 76 अंक नीचे गिरारु पये के संभलने और सरकार के बड़े फैसलों के बावजूद बाजार कमजोरी के साथ बंद हुए. बाजार पर घरेलू संकेतों के बजाय वैश्विक चिंताओं पर दबाव दिखा. सेंसेक्स 76 अंक गिर कर 25589 और निफ्टी 23 अंक गिर कर 7649 पर बंद हुए. दिग्गजों के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी 0.5 फीसदी गिरे. आइटी और तकनीकी शेयर 1.25-1 फीसदी टूटे. रियल्टी, कैपिटल गुड्स, हेल्थकेयर, एफएमसीजी, मेटल शेयरों में भी कमजोरी नजर आयी. बैंक और ऑटो शेयर सुस्त रहे. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयर 0.75 फीसदी और मेटल शेयर 0.5 फीसदी चढ़े.गुरुवार को बाजार में भारी उठापटक नजर आयी. कमजोर एशियाई संकेतों की वजह से बाजारों ने मिली-जुली शुरु आत हुई. खुलते ही बाजार पर दबाव आया. सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में कारोबार करते दिखे. हालांकि, मिडकैप शेयरों में बढ़त रही. कारोबार के पहले घंटे के बाद बाजार संभलते दिखे. सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान में लौटे. हालांकि, बाजार में बढ़त ज्यादा दर तक नहीं टिकी. सेंसेक्स-निफ्टी फिर फिसले. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने भी शुरु आती मजबूती गंवा दी.दोपहर में बाजार पर बिकवाली का दबाव बढ़ा. सेंसेक्स 100 अंक से ज्यादा टूटा. निफ्टी 7650 के नीचे फिसला. मिडकैप- स्मॉलकैप शेयरों में 0.5 फीसदी की गिरावट आयी. हालांकि, दोपहर 2 बजे के बाद बाजार में शानदार रिकवरी दिखी.

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