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कोयल व सोन नदी के कारण निरंतर हो रहा है कटाव

फोटो:-7हुसपीएच 01 सोन नदी से कटाव का दृष्य हेडलाइन….नदी में समाहित हो रही है कृषि भूमि प्रतिनिधि, हैदरनगर : पलामू.पलामू जिला अंतर्गत हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र कादल कुर्मी से शुरू होकर दंगवार गांव तक 30 किलोमीटर के इलाके में पंद्रह किलोमीटर में कोयल व पंद्रह किलोमीटर क्षेत्र में सोन नदी पड़ती है. कोयल व सोन नदियों […]

फोटो:-7हुसपीएच 01 सोन नदी से कटाव का दृष्य हेडलाइन….नदी में समाहित हो रही है कृषि भूमि प्रतिनिधि, हैदरनगर : पलामू.पलामू जिला अंतर्गत हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र कादल कुर्मी से शुरू होकर दंगवार गांव तक 30 किलोमीटर के इलाके में पंद्रह किलोमीटर में कोयल व पंद्रह किलोमीटर क्षेत्र में सोन नदी पड़ती है. कोयल व सोन नदियों के तटवर्ती इलाके के किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि लगातार उनकी कृषि योग्य भूमि का कटाव हो रहा है. आने वाले दिनों में तटबंध की व्यवस्था नहीं की गयी, तो उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा. अब तक इन क्षेत्रों की हजारों एकड़ भूमि नदी में समाहित हो चुकी है. कोयल नदी से प्रभावित इलाकों में कादल कुर्मी , मोहम्मदगंज,भजनिया, सहार बिहरा, बडीहा ,पंसा व रानी देवा हैं. सोन नदी के कटाव से कबरा कला, कबरा खुर्द, परता, सजवन, सोनपुरवा, देवरी,घोडबंधा, बुधुआ, शिवा बिगहा, डुमरहथा व दंगवार हैं. वर्ष 2008 में जल संसाधन विभाग झारखंड सरकार के अभियंताओं ने कटाव वाले इलाकों का दौरा कर तटबंध के लिए सर्वे किया था. दंगवार इलाके के कुछ भाग में बोल्डा पिचिंग का काम करा कर कटाव को रोकने का काम भी हुआ. मगर उसके बाद आज तक इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया. वर्तमान विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने किसानों को आश्वासन दिया था कि नदियों के कटाव वालेे इलाके को चिह्नित कर तटबंध की व्यवस्था की जायेगी. मगर आज तक इस दिशा में कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है. जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह के आश्वासन के बाद किसानों की आस बंधी, मगर अब-तक कोई कारगर पहल नहीं दिख रही है. रानी देवा के मुनी प्रसाद सिंह, उपेंद्र सिंह, कुंडल सिंह, बालमुकुंद सिंह, कामेश्वर सिंह, कबरा कला इलाके के किसान प्रसिद्घ सिंह, हसन इमाम, देवरी के नर्वदेश्वर सिंह, बनकट के घुरा पाल, डुमरहथा के अयोध्या सिंह टिकैत, बुधुआ के अरविंद सिंह, जाफर इमाम, बडेपुर के मुखिया सुनील कुमार सिंह, दंगवार के किसान संतोश चौधरी, संजय चौधरी समेत सैकड़ों किसानों ने बताया कि कटाव से बचाव की व्यवस्था नहीं की गयी, तो किसानों की कृषि योग्य भूमि धीरे-धीरे नदी में समाहित हो जायेगी. कबरा के किसान नागेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में सोन नदी के बीच स्थित शिव लिंग कभी कबरा कलां गांव के किनारे सोन नदी के तट पर हुआ करता था. अब वही शिव लिंग सोन नदी के बीच स्थित है. एक सौ सालों में नदी का पाट दोगुणा हो गया है. समय पर तटबंध की व्यवस्था नहीं की गयी, तो कई गांव नदी में समाहित हो जायेंगे.

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