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प्रतिमा के साहस से मिलती है प्रेरणा

हालात बयां करते-करते भर आती हैं आखें मां मर चुकी हैं, पिता की मानसिक हालत ठीक नहींपढ़ाई के साथ खेतों में कुदाल चलाने को मजबूर मुकुंदपुर गांव की आठवीं कक्षा की छात्रा प्रतिमा की कहानीफोटो सिटी में -6जीडब्ल्यूपीएच9- अपने ढहे घर के पास पिता व छोटी बहन के साथ प्रतिमाप्रतिनिधि, केतार(गढ़वा): केतार प्रखंड के मुकुंदपुर […]

हालात बयां करते-करते भर आती हैं आखें मां मर चुकी हैं, पिता की मानसिक हालत ठीक नहींपढ़ाई के साथ खेतों में कुदाल चलाने को मजबूर मुकुंदपुर गांव की आठवीं कक्षा की छात्रा प्रतिमा की कहानीफोटो सिटी में -6जीडब्ल्यूपीएच9- अपने ढहे घर के पास पिता व छोटी बहन के साथ प्रतिमाप्रतिनिधि, केतार(गढ़वा): केतार प्रखंड के मुकुंदपुर पंचायत की वार्ड छह हरिजन टोला में रहनेवाली 14 वर्षीय प्रतिमा कुमारी आसपास के इलाके के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी है. घोर गरीब परिवार की प्रतिमा कक्षा आठवीं की छात्रा है. पढ़ायी करने के साथ ही उस पर अपने परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेवारी भी आ पड़ी है. उसकी मां की मौत हो चुकी है और पिता मानसिक रूप से बीमार हैं. प्रतिमा की मां की मौत आठ वर्ष पहले बीमारी का इलाज नहीं हो पाने के कारण हो गयी थी. तब से ही उस पर अपने परिवार की जिम्मेवारी आ गयी. प्रतिमा के पिता योगेंद्र राम मानसिक रूप से बीमार है. प्रतिमा की दो छोटी बहनें, पूनम कुमारी व सीमा कुमारी है. बचपन से ही वह आसपास के क्षेत्रों में काम करना शुरू कर दिया. प्रतिमा जहां रहती है, वह टोला आर्थिक रूप से कमजोर है. कई बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है. प्रतिमा अपने घर से करीब तीन किलोमीटर दूर लोहिया समता उच्च विद्यालय केतार में आठवीं कक्षा में पढ़ने जाती है. स्कूल जाने से पूर्व और स्कूल से आकर वह आसपास के लोगों के यहां काम करती है. कभी वह खेतों में कुदाल लेकर काम करती है, तो कभी किसी के घर के कामगाज में मदद कर अपने परिवार के लिये कुछ पैसा व अनाज की व्यवस्था करती है. रोज उसे अपने घर का चूल्हा जलाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. आसपास के लोग अपनी बेटियों को पढ़ायी व कामकाज के लिए समझाते समय प्रतिमा का उदाहरण देते हैं. उसकी हिम्मत को देखकर स्थानीय ग्रामीण भी मदद के लिए तैयार रहते हैं. प्रतिमा कहती है कि भगवान न करें कि ऐसा दिन किसी को देखना पड़े. अपने पिता की बेबस हालत व घर की दयनीय स्थिति बयां करते-करते उसकी आंखों से आंसू टपकने लगते हैं. विदित हो कि प्रतिमा के पिता योगेंद्र राम का घर खपरैल मिट्टी का है, वह भी पिछले बरसात में ढह चुका है. उसका घर बनाने के लिए गांव में आमसभा की गयी. इंदिरा आवास के लिए आमसभा में पारित किया गया, लेकिन आजतक उसे इंदिरा आवास नहीं मिल सका. इस बारे में जब पंचायत सेवक मो हुसैन से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि प्रतिमा कुमारी के पिता योगेंद्र राम का नाम इंदिरा आवास की चयन सूची में है. आवंटन आते ही इस बार उसे इंदिरा आवास मिल जायेगा.

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