26 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

आठ जनवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल, बड़े पैमाने पर की जा रही है तैयारी, किसान, मजदूर व कर्मी समेत 60 लाख लोग होंगे शामिल

रांची : विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार यानी आठ जनवरी को की जानेवाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है. ट्रेन यूनियनों ने सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है. हड़ताल में राज्य भर के किसान, मजदूर व ट्रेड यूनियनों के […]

रांची : विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार यानी आठ जनवरी को की जानेवाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है.
ट्रेन यूनियनों ने सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है. हड़ताल में राज्य भर के किसान, मजदूर व ट्रेड यूनियनों के लोग शामिल होंगे. बैंक, बीमा व कोयला से लेकर अनुबंध और ठेके पर काम करने वाले करीब 60 लाख कर्मचारी, किसान और मजदूरों के शामिल होने की उम्मीद है. उक्त बातें एटक के महासचिव पीके गांगुली ने कही. वे सोमवार को यूनियन कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
श्री गांगुली ने कहा कि पिछले तीन साल से ट्रेड यूनियनों की ओर से 10 सूत्री मांग सरकार से की जा रही है, लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सरकार ने श्रम कोड को भी मालिक पक्षीय बना दिया. राज्य में हड़ताल का नेतृत्व झारखंड राज्य किसान सभा कर रही है. इसके समर्थन में देश भर के 10 केंद्रीय मजदूर संगठन और सौ से अधिक मजदूर और कर्मचारी फेडरेशन शामिल हैं. ऐसे में अनुमान है कि राज्य में लगभग 60 लाख से अधिक संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूर इसमें शामिल हो सकते हैं.
मंदी और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा : एक्टू के महासचिव शुभेंदु सेन ने बताया कि ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को अलग-अलग क्षेत्र के कर्मचारी समर्थन दे रहे हैं.
मंदी और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. इसमें कोयला, खनिज, फार्मास्यूटिकल, दूरसंचार, डाकसेवा, बैंक, बीमा, परियोजना कर्मी (जिसमें आंगनबाड़ी, सहिया और मिड डे मिल कर्मी शामिल हैं) व निर्माण कार्य वर्कर्स समेत अन्य लोगों का भी समर्थन है. उन्होंने कहा कि एचइसी व मेकन को भी सरकार बेचने की कोशिश कर रही है, जबकि ये कंपनियां जनता के पैसे से चलती हैं. सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से पिछले साल नवंबर में ही आठ जनवरी को किसानों की 22 सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण इलाकों में बंद की घोषणा की गयी थी.
मजदूर संगठनों ने खदान सहित ग्रामीण इलाकों में भी बंद का किया आह्वान
आठ की हड़ताल में कर्मचारी संघ भी होगा शामिल
रांची : अखिल झारखंड कर्मचारी महासंघ की झालको शाखा ने भी आठ जनवरी की हड़ताल का समर्थन किया है. संघ के महासचिव घनश्याम रवानी ने कहा कि आठ जनवरी को राजभवन के समक्ष सांकेतिक धरना में हिस्सा लेंगे. इसमें झालको के मुद्दे पर भी बात होगी. झालको कर्मियों को कई प्रकार की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. सरकार झालको को बंद करने की साजिश कर रही है. धरना में सरकार के रवैये का विरोध किया जायेगा. आंदोलन की तैयारी को लेकर सोमवार को संघ की बैठक भी हुई. इसमें नवीन चौधरी, रामाधार शर्मा, जसीम अख्तर, अंजना कांत झा, राजनारायण मिश्रा आदि शामिल हुए.
हड़ताल को लेकर बैठक हुई, बातचीत विफल
रांची : कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक और मजदूर यूनियनों के बीच सोमवार को आठ जनवरी की हड़ताल को लेकर कोलकाता में बातचीत हुई, जो विफल हो गयी. इसमें एटक के लखन लाल महतो और सीटू की ओर से डीडी रामानंदन ने हिस्सा लिया. यूनियन के सदस्यों ने बताया कि ऑल इंडिया स्तर की हड़ताल है. इसमें कोयला भी प्रमुख मुद्दा है. इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हड़ताल से कोयला उद्योग पर व्यापक असर होगा. बैठक में प्रबंधन ने आग्रह किया कि कर्मचारियों को हड़ताल पर नहीं जाने दें. अभी उत्पादन बढ़ाने का समय है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें