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रांची : विधानसभा सत्र के पूर्व बंटेंगे मंत्रियों के बीच विभाग, छह से होगा सत्र
सत्र के लिए जरूरी है कुछ मंत्रियों के पास विभाग रांची : हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद छह जनवरी से विधानसभा सत्र का आयोजन होना है. सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 29 दिसंबर को हुआ था. इसमें मुख्यमंत्री के अलावा तीन मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव व सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली थी. […]
सत्र के लिए जरूरी है कुछ मंत्रियों के पास विभाग
रांची : हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद छह जनवरी से विधानसभा सत्र का आयोजन होना है. सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 29 दिसंबर को हुआ था. इसमें मुख्यमंत्री के अलावा तीन मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव व सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली थी. 29 दिसंबर को ही हुई कैबिनेट की बैठक में छह जनवरी से विधानसभा सत्र आहूत करने का निर्णय लिया गया.
वहीं अभी तक मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है. जानकार बताते हैं कि सत्र के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय का प्रभार किसी मंत्री के पास होना जरूरी है. राज्य सरकार सत्र के दौरान अनुपूरक बजट पेश करेगी. बजट पेश करने या अनुदान मांग के लिए सदन में किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग होना चाहिए, तभी इसे पेश किया जा सकेगा.
दूसरी ओर पूरे मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हुआ है. झारखंड में मुख्यमंत्री व 11 मंत्रियों की सीमा है. अब तक मुख्यमंत्री व तीन मंत्री शपथ ले चुके हैं. और आठ विधायक को मंत्री बनाया जाना है. सरकार विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद इसका विस्तार करने पर विचार कर रही है, पर सदन शुरू होने के पहले सरकार को संसदीय कार्य विभाग और वित्त विभाग किसी न किसी को सौंपना होगा.
आलमगीर को मिल सकता है संसदीय कार्य विभाग : सूत्रों ने बताया कि संसदीय कार्य विभाग का प्रभार फिलहाल आलमगीर आलम को दिया जा सकता है. वित्त विभाग व अन्य विभाग मुख्यमंत्री अपने पास ही रख सकते हैं. सदन में वित्त मंत्री की हैसियत से मुख्यमंत्री अनुदान मांग पेश कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि एक से दो दिनों में मंत्रियों के बीच कुछ विभागों का बंटवारा हो जायेगा.
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