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राष्ट्रीय किसान दिवस आज : किसानों के लिए चलायी जा रही हैं कई योजनाएं, पर नहीं सुधर रही है स्थिति
रांची : पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस का अायोजन होता है. किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राज्य व केंद्र सरकार के स्तर से कई प्रयास हो रहे हैं, लेकिन आज भी किसानों की गरीबी राजनीतिक मुद्दा है. उनको होनेवाले फसल नुकसान, बीमा राशि, ऋण […]
रांची : पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस का अायोजन होता है. किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राज्य व केंद्र सरकार के स्तर से कई प्रयास हो रहे हैं, लेकिन आज भी किसानों की गरीबी राजनीतिक मुद्दा है. उनको होनेवाले फसल नुकसान, बीमा राशि, ऋण माफी आदि की मांग हमेशा होती रहती है.
झारखंड सरकार ने किसानों को तकनीकी व आर्थिक रूप से समृद्ध करने के कई प्रयास किये. उनके खाते में प्रति एकड़ पांच हजार के हिसाब से आर्थिक मदद दी गयी. इसका लाभ करीब 17 लाख किसानों को मिल रहा है. सरकार ने करीब 26 लाख किसानों को चिह्नित कर रखा है. किसानों को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने के लिए इजराइल भेजा गया. ऐसा करना वाला झारखंड पहला राज्य है, जहां से केवल महिला किसानों को इजराइल भेजा गया. इसके बावजूद किसानों की स्थिति सुधर नहीं रही है.
क्या-क्या योजना चला रही है राज्य सरकार
– बीज विनियम व वितरण कार्यक्रम : किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करायी जाती है.
– कृषि मेला, कार्यशाला प्रदर्शनी, प्रशिक्षण, भ्रमण, प्रोत्साहन व पुरस्कार योजना : इसके लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
– विशेष फसल योजना : इसके तहत रागी, गुंदली, ज्वार, मड़ुआ तथा तेलहन की खेती विस्तार की जाती है.
– सिंगल विंडों सेंटर की स्थापना : इसके लिए प्रखंडों से किसानों को कृषि तकनीकी और विभागीय स्कीमों की जानकारी दी जाती है.
– कन्वरशन ऑफ फेलो लैंड क्रॉप्ड एरिया : इसके तहत बंजर जमीन को कृषि योग्य जमीन में बदलने की योजना है.
– डबल क्रॉपिंग राइस फैलो स्कीम : इसमें मुख्य फसल धान की कटाई के बाद दूसरे फसल लगाने की योजना है. इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है.
– मृदा सुधार प्रबंधन योजना : इसके तहत राज्य की अम्लीय भूमि को विशेषज्ञों की सलाह से सुधारा जाता है.
– इंट्रेस्ट सबमेंशन : इसके तहत किसानों को समय पर ब्याज चुकाने पर दो फीसदी अतिरिक्त माफी दी जाती है.
– किसानों को फोन देने की योजना
– मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना
कृषि शक्ति में ही किसानों की भक्ति
डॉ राम शंकर कुरील
किसान पूरे देश के अन्नदाता हैं. बदले में उसे उसका उचित पारिश्रमिक नहीं मिल पा रहा है. किसान मेहनती व सादा जीवन व्यतीत करने वाला होता है. उठते ही पशुधन की सेवा, इसके पश्चात अपनी कर्मभूमि खेत की ओर दिनभर कठोर परिश्रम करता है और सांझ ढलते ही वह कंधे पर हल रख कर बैलों को हांकता हुआ घर लौटता है.
उनके अभावों को कम करने के प्रयास में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि क्षेत्र के चहुंमुखी विकास, अन्न उत्पादन एवं कृषि उत्पादों के भंडार को बढ़ाने के साथ-साथ किसान की आय में बढ़ोतरी का प्रयास आज की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने आजादी की 75 वीं सालगिरह यानी वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की बात कही और इसे एक चुनौती के रूप में लिया है. एक अच्छी रणनीति, सुनियोजित कार्यक्रम, पर्याप्त संसाधनों एवं कार्यान्वन में सुशासन के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
-लेखक बीएयू के कुलपति हैं
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