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रांची : ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मेहता हत्याकांड : सूई देकर मारने का किया गया था प्रयास

सुचित्रा को सूई देकर मारने का किया गया था प्रयास पुलिस की केस डायरी में ऑक्सफोर्ड स्कूल के निदेशक एसबी मेहता के बयान में किया गया है खुलासा रांची : ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मेहता हत्याकांड में पुलिस ने कोर्ट में केस डायरी सुपुर्द की थी. इसमें स्कूल के निदेशक शशिभूषण मेहता के बयान […]

सुचित्रा को सूई देकर मारने का किया गया था प्रयास
पुलिस की केस डायरी में ऑक्सफोर्ड स्कूल के निदेशक एसबी मेहता के बयान में किया गया है खुलासा
रांची : ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मेहता हत्याकांड में पुलिस ने कोर्ट में केस डायरी सुपुर्द की थी. इसमें स्कूल के निदेशक शशिभूषण मेहता के बयान में बताया था कि वह सुचित्रा को रास्ते से हटाने के लिए उन्होंने पांकी के कार्यकर्ता अनुज सिंह से संपर्क किया था.
तय योजना के तहत घटना से एक दिन पूर्व 10 मई 2012 को अनुज सिंह अपने छह साथियों के साथ रांची आया. सभी को उन्होंने पिस्कामोड़ स्थित अपने निर्माणधीन भवन में ठहराया था. अगले दिन यानी 11 मई 2012 की सुबह में अनुज व उसके साथियों को मजदूर बनाकर चुटिया स्थित ऑक्सफोर्ड स्कूल भेजा तथा सूई देकर वार्डन सुचित्रा मिश्रा को मारने का प्रयास किया था. इस मामले की जांच में पुलिस ने खादगढ़ा स्थित होटल अतिथि पैलेस से अनुज सिंह के ड्राइविंग लाइसेंस की छायाप्रति जब्त की थी.
11 मई 2012 की शाम हुई थी वार्डन सुचित्रा की हत्या, धुर्वा थाना क्षेत्र के डैम साइड में फेंक दिया गया था शव
सुचित्रा के भाई ने जताया था अनीश पर हत्या का संदेह
रांची : सुचित्रा के भाई गोविंद पांडेय ने पुलिस को बयान दिया था कि घटना के दिन वे रात साढ़े आठ बजे बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौट रहे थे, तो रास्ते में ट्रांसफॉर्मर के पास लोगों की भीड़ देख कर वह भी रुक गये. देखा कि वहां उनकी बहन सुचित्रा बेहोश पड़ी थी. वह लोगों की मदद से उसे एचइसी अस्पताल ले गये. वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया. इसके बाद उन्होंने धुर्वा थाने में बहन की हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी. इसमें अनीश नामक युवक पर हत्या करने का संदेह जताया था.
शशिभूषण बरी हो गया तो हमलोगों को ही जेल भेज दिया जाये : गगन
कोर्ट का फैसला आने के बाद सुचित्रा के बड़े भाई गगन पांडेय ने कहा कि हमलोगों को न्याय नहीं मिला, जबकि न्यायालय तो न्याय का मंदिर होता है़ हमलोग इतने गरीब हैं कि अब आगे की अदालत में जाने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने कहा कि सुचित्रा की हत्या हुई है,यह सही है. पुलिस और कोर्ट भी मानती है. इसके बाद भी जब शशिभूषण मेहता और अन्य आरोपी केस से बरी हो गये, तो फिर मुझे और मेरे परिवार के लोगों को ही जेल भेज दिया जाये.
कैसे बदली थी जांच की दिशा
केस डायरी में पुलिस ने कहा है कि गुप्तचरों से पता चला कि सुचित्रा व उसके बच्चे सर्कस देख रहे थे. उस दौरान शशिभूषण मेहता ने सुचित्रा को कई बार उनको फोन किया. सर्कस देखने के बाद वह उन्हीं से मिलने गयी थी. बच्चों ने भी इसी तरह का बयान पुलिस को दिया था. इसके बाद पुलिस की जांच की दिशा बदली और शशि भूषण मेहता का मोबाइल का लोकेशन निकाला. लोकेशन शहीद मैदान वाले इलाके में पाया गया. उसी मैदान में सर्कस भी लगा था. कॉल डिटेल से पता चला कि मेहता ने घटना से पहले अपने मोबाइल से सुचित्रा के मोबाइल पर पांच बार फोन किया था. लोकेशन और कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने 19 मई 2012 को शशि भूषण मेहता को गिरफ्तार किया.
फोटोग्राफर को दिया धक्का, टूटा कैमरा
सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड में फैसला आने के बाद शशिभूषण मेहता व चार आरोपियों के साथ उनके समर्थक अदालत से बाहर निकले़ उस वक्त इतनी भीड़ थी कि वहां धक्का-मुक्की होने लगी़ इसी बीच एक व्यक्ति ने एक फोटोग्राफर को जोर से धक्का दे दिया, जिससे उसका कैमरा दीवार से टकरा कर टूट गया़ उसके बाद सभी लोग आगे बढ़े. जैसे ही सीढ़ी पर पहुंचे, तो एक अंग्रेजी अखबार के फोटोग्राफर को किसी ने धकेल दिया, वह गिरते-गिरते बचा. शशिभूषण मेहता के समर्थकों के अलावा कई लोग आये हुए थे, जिसके कारण अदालत में काफी भीड़ थी़
सुबह से ही लोग जानने के लिए उत्सुक थे
रांची : सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड में फैसले को लेकर शुक्रवार को सुबह से ही सिविल कोर्ट परिसर में भीड़ लगी हुई थी. वहीं ऑक्सफाेर्ड स्कूल के कुछ कर्मचारी व शिक्षक भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे़ इसके अलावे मेहता के कई समर्थक पहुंच चुके थे़ लोग जानना चाह रहे थे कि शशिभूषण प्रसाद मेहता को सजा होगी या नहीं. वैसे तो राजधानी में अधिकांश लोगों को इस मामले की जानकारी है. फिर भी कई लोग जानना चाह रहे थे कि आखिर शशिभूषण मेहता कौन है़ दूसरी ओर, मध्यस्थता केंद्र के ऊपर दूसरे तल्ले में एजेसी विजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत है़ वहीं सजा सुनाई जानी थी़ जब लोगों को पता चला कि दूसरी पाली में फैसला आयेगा तो काफी लोग चले गये़ हालांकि दूसरी पाली में भी कोर्ट परिसर के साथ ही अदालत के बाहर बरामदे में में सैकड़ों लोग खड़े थे.
सीयूजे कंस्ट्रक्शन घोटाले में चार्जशीटेड हैं शशिभूषण मेहता
रांची : शशिभूषण मेहता सीयूजे (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड) के निर्माण घोटाले में भी चार्जशीटेड है़ं सीबीआइ ने वर्ष 2014 में सीयूजे के नये कैंपस के भवन निर्माण घोटाले में सीयूजे के तत्कालीन कुलपति डीटी खटिंग, ओएसडी प्रोजेक्ट एनपी गर्ग, इंटरनल ऑडिट ऑफिसर सीताराम स्वर्णकार, इंजीनियर संजय कुमार सिंह समेत 12 निर्माण कंपनियों के डायरेक्टर, प्रोपराइटर और पार्टनर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रच कर करीब 7 करोड़ 12 लाख रुपये नुकसान पहुंचाने संबंधी मुकदमा दर्ज किया गया था़
जांच में चार निर्माण कंपनियों को छोड़ शेष आठ कंपनियों पर चार्जशीट दायर की गयी थी. सीबीआइ का मानना है कि निर्माण कंपनियों और सीयूजे के वरीय अधिकारियों ने ग्रुप बनाकर घोटाला किया है़ नियमों को ताक पर रखकर काम आवंटित किये गये़ सीयूजे के तत्कालीन कुलपति डीटी खटिंग ने यूनिवर्सिटी के नये कैंपस के निर्माण के लिए इन कंपनियों को बगैर टेंडर सिर्फ नामांकन के आधार पर दे दिया था़ इन सभी कंपनियों को अलग-अलग रेट पर काम दिये गये़
इन लोगों पर है चार्जशीट
पूर्व कुलपति डीटी खटिंग, ओएसडी प्रोजेक्ट नरेंद्र पाल गर्ग, सीताराम स्वर्णकार, संजय कुमार सिंह, शशिभूषण प्रसाद मेहता डायरेक्टर मेसर्स मौर्या हेरिटेज इन प्राइवेट लिमिटेड, राजेश कुमार मेसर्स रॉक ड्रिल इंडिया, सदानंद गुप्ता प्रोपराइटर, नरेंद्र मणिलाल भुटाला निदेशक मेसर्स पार्क सर्व मंगला प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, कमल कुमार झुनझुनवाला प्रोपराइटर मेसर्स जेसी इंटरप्राइजेज, अनिल कुमार सिंह प्रोपराइटर मेसर्स राज कंस्ट्रक्शन, रौनक राज पार्टनर मेसर्स आरके मिश्रा एंड कंपनी, जगदीश प्रसाद डायरेक्टर मेसर्स भारत ड्रिलिंग एंड फाउंडेशन ट्रीटमेंट प्राइवेट लिमिटेड.
एक महिला को न्याय नहीं मिलना दुखद : सीमा
आरोपियों की रिहाई के बाद धुर्वा में सुचित्रा मिश्रा के मुहल्ले के रहनेवाली वकील सीमा संगम ने कहा कि एक महिला को न्याय नहीं मिलना दुखद है़ इतना कहते हुए वह रोने लगीं. कहा कि वह भी एक महिला है़ं उन्हें कोर्ट से उम्मीद थी कि एक महिला को न्याय जरूर मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
रांची : बेटे के जन्म प्रमाण पत्र में स्थायी व वर्तमान पता नयी दिल्ली बताया था
रांची : 19 मई 2012 को गिरफ्तार होने के बाद शशिभूषण मेहता ने पुलिस को दिये बयान में कहा था कि पत्नी किरण मेहता से उनके तीन बच्चे हैं.
23 वर्षीय रोमी दुबई में एमबीए कर रही है. दूसरी 20 वर्षीय बेटी सिमी जेएनयू में एमफिल कर रही है. जबकि बेटा अर्नव डेढ़ वर्ष का है. मेहता के दावे के अनुरूप पुलिस ने अर्नव के जन्म प्रमाण पत्र की ऑनलाइन जांच की थी. इसमें पाया था कि बेटे की जन्मतिथि 21 फरवरी 2011 है. बच्चे का जन्म अस्पताल के बजाये घर पर दिखाया गया था. घर का पता के-57 जी, चेक सराय, फेज-11, नयी दिल्ली बताया गया था.
बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में पिता का नाम शशिभूषण मेहता और मां का नाम किरण मेहता लिखा गया था. मेहता का वर्तमान व स्थायी पता उसी घर को बताया गया था जहां बच्चे का जन्म हुआ था. शशिभूषण की पत्नी झारखंड सरकार में पदाधिकारी हैं. ऐसे में पुलिस ने इस बात की जांच नहीं करने की जहमत नहीं उठायी कि उस वक्त किरण मातृत्व अवकाश पर थीं या नहीं.

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